जकार्ता । भारत के लिये एशियाई खेलों के इतिहास में पहले बैडमिंटन स्वर्ण पदक की उम्मीद पीवी सिंधू ने सोमवार को 18वें एशियाई खेलों में महिला एकल फाइनल में पहुंचने को खुशी और गर्व का पल बताया।
एशियाई खेलों में 36 वर्ष बाद सायना नेहवाल के कांस्य पदक के रूप में पहला व्यक्तिगत और महिला एकल में पहला पदक जीतने के बाद अन्य भारतीय पदक उम्मीद सिंधू ने अन्य महिला एकल सेमीफाइनल में देश के लिये रजत पदक सुनिश्चित कर दिया।
सिंधू ने दिन के अन्य सेमीफाइनल मैच में जापान की अकाने यामागुची को तीन गेमों के कड़े संघर्ष में 21-17, 15-21, 21-10 से हराते हुये फाइनल में जगह बनाई। विश्व में तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधू एशियाई खेलों में महिला एकल फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गयी हैं। वह अब खिताबी मुकाबले में शीर्ष वरीय चीनी ताइपे की ताई जू यिंग से भिड़ेंगी जिन्होंने अन्य मैच में सायना को पराजित किया।
तीसरी वरीय सिंधू ने मैच के बाद खुशी जताते हुये कहा,“ मेरे लिये यह गर्व की बात है कि मैं फाइनल में पहुंची हूं और अब देश को उसका पहला स्वर्ण पदक दिलाने के लिये खेलूंगी। यह बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन मैं इस सोच के साथ नहीं उतर रही कि किसी बड़ी खिलाड़ी के खिलाफ खेलना है बल्कि मैं फाइनल में अपना 100 फीसदी देने का प्रयास करूंगी।”
एशियाई खेलों के बैडमिंटन इतिहास में भारत ने केवल आठ कांस्य पदक जीते हैं जिसमें 1982 में सैयद मोदी ही एकमात्र बैडमिंटन खिलाड़ी थे जिन्होंने पुरूष एकल में कांस्य के रूप में पहला व्यक्तिगत पदक जीता। भारत के पास एशियाड में अब तक छह टीम पदक और दो पुरूष युगल पदक हैं।