एडिलेड । विराट कोहली की अगुवाई में दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत आस्ट्रेलियाई जमीन पर इतिहास रचने के लिये गुरूवार से अपने अभियान की शुरूआत करेगी जहां उसकी पहली परीक्षा मेजबान टीम के खिलाफ एडिलेड ओवल में होने वाला पहला टेस्ट मैच होगी।
भारत ने आस्ट्रेलिया में कभी भी टेस्ट सीरीज़ नहीं जीती है और दुनिया के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज़ विराट की अगुवाई में उसे पहली बार यहां इतिहास रचने का भरोसा है। आस्ट्रेलियाई टीम अपने मुख्य बल्लेबाज़ों स्टीवन स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरन बेनक्रॉफ्ट के निलंबन से जूझ रही है तो टीम प्रबंधन में चल रही उठापटक ने भी उसकी स्थिति कमजोर की है जिसने भारत के हौंसले और मजबूत किये हैं।
हालांकि आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और यहां की पिचें हमेशा ही भारतीय टीम के लिये अबूझ रही हैं और ट्वंटी 20 सीरीज़ में जिस तरह मेजबान टीम ने भारत को पहले मैच में हराया उसके बाद कहा जा सकता है कि मेजबान टीम को हल्के में लेना बड़ी भूल साबित हो सकती है। भारतीय टीम ने पिछले कुछ समय से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ाते हुये मैच की पूर्व संध्या पर अपनी 12 सदस्यीय टीम घोषित कर दी है जिसमें उसने पांच विशेषज्ञ गेंदबाज खेलाने की अपनी नीति बदली है।
भारतीय टीम में सीमित ओवर के विशेषज्ञ बल्लेबाज़ रोहित शर्मा और बल्लेबाजी ऑलराउंडर हनुमा विहारी को जगह दी गयी है। रोहित का 2014-15 में आस्ट्रेलिया दौरा बहुत खास नहीं रहा था लेकिन उनकी मौजूदा फार्म से वह अंतिम एकादश में जगह बना सके हैं और अभ्यास मैच में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था जबकि मध्यक्रम में इसी वर्ष टेस्ट पदार्पण करने वाले हनुमा को मौका मिला है।
अनुभवी ऑलराउंडर एवं लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा और तेज गेंदबाज़ उमेश यादव को बाहर बैठाने का फैसला चौंकाने वाला लगता है। वहीं भारतीय टीम में एडिलेड के लिये केवल रविचंद्रन अश्विन एकमात्र स्पिनर हैं जबकि चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव भी बाहर हैं। कुलदीप को अभ्यास मैच में भी एक ओवर ही डालने का मौका मिला था।
अभ्यास मैच में जहां भारतीय बल्लेबाज़ों विराट, चेतेश्वर पुजारा, लोकेश राहुल, अजिंक्या रहाणे, हनुमा, रोहित ने बल्ले से प्रभावित किया था तो वहीं गेंदबाज़ों ने निराश किया था। तेज़ गेंदबाज़ उमेश 28 ओवर में 113 रन देकर महंगे साबित हुये थे जिन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली है लेकिन तेज़ गेंदबाज़ इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, और मोहम्मद शमी का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा था।
शमी ने 24 ओवर में 97 रन पर सर्वाधिक तीन विकेट लिये थे जबकि स्पिनर अश्विन ने सर्वाधिक 40 ओवर तक तीन के इकोनोमी रेट से गेंदबाजी की। बुमराह की बात करें तो इंग्लैंड में उन्होंने बायें हाथ के बल्लेबाज़ों को काफी परेशान किया था लेकिन आस्ट्रेलिया में ऐसे खिलाड़ी कम ही हैं। हालांकि डैथ अोवरों में वह उपयोगी रहते हैं जबकि इशांत के पास आस्ट्रेलियाई पिचों का बेहतरीन अनुभव है।
आस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिचें भारतीय बल्लेबाज़ों के लिये चुनौतीपूर्ण रह सकती हैं हालांकि तेज़ गेंदबाज़ों को यहां सफलता मिल सकती है और यही कारण है कि विपक्षी टीम भी अपने तेज़ गेंदबाज़ों मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड अौर पैट कमिंस पर निर्भर दिख रही है। उन्होंने इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका दौरे में जोहानसबर्ग टेस्ट में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर नौ विकेट निकाले थे।
आस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में मिशेल मार्श को पहले मैच से बाहर रखा है और पीटर हैंड्सकोंब को जगह दी गयी है जबकि मार्कस हैरिस को बल्लेबाजी क्रम में पदार्पण आेपनिंग का मौका दिया जा रहा है। बल्लेबाज़ों में टीम के पास आरोन फिंच, उस्मान ख्वाजा अन्य अहम खिलाड़ी हैं।
कागज़ पर भले ही नंबर एक भारतीय टीम मजबूत लग रही है लेकिन उपकप्तान अजिंक्या रहाणे ने माना कि इसके बावजूद पांचवीं रैंक आस्ट्रेलिया अपने मैदान पर जीत की हकदार है और उसे हलके में नहीं लिया जा सकता है। भारत का विदेशी जमीन पर प्रदर्शन मिलाजुला रहा है जहां उसने एशिया महाद्वीप में दबदबा दिखाया है वह दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया के दौरों में कमजोर रही है। उसने इसी वर्ष तीन विदेशी सीरीज़ हारी हैं।
भारत हालांकि सात अनुभवी खिलाड़ियों के साथ उतर रही है जो आस्ट्रेलिया में पहले भी दौरों का हिस्सा रहे हैं जबकि आस्ट्रेलिया में केवल नाथन लियोन ऐसे खिलाड़ी अंतिम एकादश का हिस्सा हैं जो 2014-15 सीरीज़ में भारत के खिलाफ खेले थे। लेकिन आंकड़ों को देखें तो भारत ने अास्ट्रेलिया में कुल 44 टेस्टों मेंं अब तक पांच ही जीते हैं। भारत ने वर्ष 2003-04 में एडिलेड मैच जीता था और उम्मीद करनी होगी कि वह इस बार फिर यहां इसी जीत को दोहरा सके।