झांसी। ट्रेनों की सुस्त रफ्तार के कारण थोडी दूरी में भी काफी ज्यादा समय लगने से परेशान यात्रियों और लेटलतीफी के आरोपों से अक्सर घिरे रहने वाले रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को ट्रेनों की रफ्तार बढाने पर काम करने के निर्देश जारी कर दिये हैं।
रेलवे के सूत्रों ने आज यहां बताया कि बोर्ड ने महाप्रबंधकों को मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा करने और विभिन्न खंडों में लगाई गई गति सीमा को घटाने या बढ़ाने के लिए जल्दी ही एक्शन प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। जोनल लेवल पर इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और 13 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी।
उन्होने बताया कि भारतीय ट्रेनों की औसत गति 70-80 किमी प्रति घंटा है। कुछ खंडों में गति औसतन 100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच जाती है। केवल एक ही सेक्शन में गतिमान एक्सप्रेस 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर चलती है। गति सीमा हटने और ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ाने के बाद मुंबई से चेन्नई,दिल्ली, कोलकाता और इन रूट पर आने वाले अन्य महानगरों के लिए समय घट जाएगा। दो खंडों के बीच गति सीमा हटाने का काम चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
गौरतलब है कि जिन रूट पर नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है, वहां भी ट्रेनों पर लगी गति सीमा को हटाया नहीं गया है। गति बढ़ाने के बाद मुंबई से दिल्ली के लिए 15 घंटे की बजाय 12-13 घंटे लगेंगे। इसका फायदा राजधानी एक्सप्रेस समेत सभी ट्रेनों को मिलेगा।