नई दिल्ली। पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की बुधवार को घोषणा कर दी। पार्थिव पटेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपने संन्यास की घोषणा की। पार्थिव ने भारत की तरफ से 25 टेस्ट, 38 वनडे और दो टी-20 मैच खेले।
पार्थिव ने लिखा कि ‘आज मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर रहा हूं और इसी के साथ मेरा 18 वर्षीय लंबा करियर समाप्त हो रहा है। मैं कई लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। बीसीसीआई ने मुझ पर बहुत भरोसा जताया और 17 वर्ष के युवा खिलाड़ी को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला।
भारत की तरफ से सबसे कम उम्र में बतौर विकेटकीपर टेस्ट में पर्दापण करने वाले पार्थिव ने अपनी पोस्ट में बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली का शुक्रिया अदा किया। पटेल ने गांगुली की कप्तानी में पर्दापण किया था।
35 वर्षीय पार्थिव ने लिखा कि मैं खास तौर पर दादा का आभारी हूं। वह मेरे पहले कप्तान थे। उन्होंने मुझ पर काफी भरोसा जताया। उनके साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही। पार्थिव आखिरी बार भारत के लिए 2018 में खेले।
पार्थिव ने 17 वर्ष 152 दिन की उम्र में 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नाटिंघम में टेस्ट क्रिकेट में पर्दापण किया और वह टेस्ट पदार्पण करने वाले सबसे युवा विकेटकीपर बने थे। भारत में महेंद्र सिंह धोनी के उदय के बाद से वह दूसरे विकेटकीपर की भूमिका में चले गए थे।
उनका आखिरी टेस्ट जनवरी 2018 में जोहानसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था जिसे भारत ने जीता था। एक वर्ष बाद वह भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-1 से जीत हासिल करने वाली टेस्ट टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्होंने उस सीरीज में कोई मैच नहीं खेला था।
उन्होंने टेस्ट में छह अर्धशतकों की मदद से 934 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 31.13 का रहा। उन्होंने विकेट के पीछे 62 कैच लपके और 10 स्टंपिंग भी कीं। पार्थिव ने एकदिवसीय करियर में 23.74 के औसत और चार अर्धशतकों की मदद से 736 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 30 कैच लपके और 9 स्टंपिंग की।
उन्होंने लिखा कि मुझे सुकून है कि मैंने खेल भावना, आपसी सामंजस्य और पूरी गरिमा के साथ खेला। मैंने जितने सपने देखे थे, उससे ज्यादा पूरे हुए। मुझे उम्मीद है कि मुझे इसी विचार के साथ याद रखा जाएगा और मेरे भविष्य के प्रयासों के लिए आपका समर्थन मिलेगा।
पार्थिव ने घरेलू क्रिकेट में काफी बेहतर प्रदर्शन किया और 194 प्रथम श्रेणी मैचों में 27 शतकों की मदद से 11240 रन बनाए। उनकी कप्तानी में गुजरात ने 2016-17 में रणजी खिताब जीता था और साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी भी जीती थी। पार्थिव आईपीएल में छह टीमों की तरफ से खेले और 139 मैचों में उन्होंने 13 अर्धशतक बनाए।