अलवर। चीन में कोरोना वायरस से बचाने के लिये चीन गये भारतीयों के पहले जत्थे को विमान से कल लाये जाने की संभावना हैं, जिन्हें राजस्थान में अलवर के ईएसआईसी अस्पताल में रखा जायेगा।
ईएसआईसी अस्पताल के समन्वय डॉ रवि शर्मा ने शनिवार को बताया कि इसके लिए ईएसआईसी अस्पताल में समस्त सुविधाएं मुहैया करा दी गईं हैं। फिलहाल यहां 300 बेड की व्यवस्था की गई है। आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट सचिव ने विशेष रूप से अलवर के ईएसआईसी अस्पताल को इसके लिये चुना है।
डा़ शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से इस वायरस को लेकर चिंतित हैं। जो भारतीय चीन गये हैं और वायरस से ग्रस्त नहीं हैं, उन सब को सुरक्षित भारत लाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। जो कोरोना वायरस से पीड़ित हैं उन सभी का इलाज चीन में ही किया जा रहा है, लेकिन चीन से आने वाले सभी भारतीयों की गहन जांच की जाएगी। उनकी पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर जांच होगी। अगर वहां कुछ लक्षण दिखाई दिए तो उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर पर भेजा जाएगा और जो पूर्ण रूप से स्वस्थ होंगे, उन्हें ऐहतियातन अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में भेजा जाएगा जहां उन्हें 14 दिन तक रखा जाएगा। जिससे किसी भी तरीके का संक्रमण न फैले।
डा़ शर्मा ने कहा कि चीन से आने वाले भारतीयों को उनके परिजनों से भी नहीं मिलने दिया जाएगा। अगर 14 दिन में कोरोना वायरस के लक्षण किसी भी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो उन्हें हायर सेंटर पर भेजा जाएगा। अगर लक्षण नहीं मिलते हैं तो उन्हें घर भेजा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज में कोई कोरोना वायरस से ग्रस्त मरीज नहीं आ रहा है। जो भारतीय कोरोना वायरस प्रभावित इलाके में हैं उन्हें सावधानी के लिए अलग रखा जाएगा और यहां उनके लिये आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। 14 दिन में अगर कोई संदिग्ध मिलता है तो उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर पर भेजा जाएगा।