नयी दिल्ली । जापान चेन्नई मेट्रो परियोजना द्वितीय चरण , सतत विकास लक्ष्यों और डेयरी विकास परियोजना के लिए कुल मिलाकर 105.497 अरब येन अर्थात 6668.46 करोड़ रुपये का ऋण देगा।
जापान के आधिकारिक विकास सहायता ऋण के बारे में शुक्रवार को आर्थिक मामलों के विभाग में अपर सचिव डॉ. सी एस महापात्रा और भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरमात्सु के बीच दस्तावेज आदान प्रदान किये गये। इसके तहत चेन्नई मेट्रो परियोजना (फेज-2) के लिए 75.519 अरब येन, भारत के सतत विकास लक्ष्यों के लिए जापान भारत सहयोग कार्यक्रम के लिए 15 अरब येन और डेयरी विकास परियोजना के लिए 14.978 अरब येन के ऋण मिलेगा। जापान ने इन तीन परियोजनाओं के लिए कुल 105.497 अरब येन की आधिकारिक विकास सहायता देने का वायदा किया था।
दस्तावेजों के आदान-प्रदान के बाद चेन्नई मेट्रो परियोजना फेज-2 , डेयरी विकास परियोजना के लिए ऋण समझौते पर डॉ महापात्रा और जेआईसीए के नई दिल्ली में मुख्य प्रतिनिधि कत्सुओ मत्सुमोतो ने हस्ताक्षर किये। सतत विकास लक्ष्यों के बारे में जापान-भारत सहयोगात्मक कार्यों के लिए इस कार्यक्रम का उद्देश्य नीतिगत ढांचे और कार्यान्वयन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों में सहायता प्रदान करके विशेष रूप से सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए योगदान देना है। इससे वर्ष 2030 तक एसटीजी को प्राप्त करने में भारत को मदद मिलेगी।
डेयरी विकास परियोजना का उद्देश्य संगठित बाजार, डेयरी प्रोसेसिंग सुविधाओं को उन्नत बनाकर, विपणन बुनियादी ढांचा और उत्पादक के स्वामित्व वाली संस्थानों की क्षमता में वृद्धि करके किसानों की पहुंच में बढ़ोतरी द्वारा दूध और डेयरी उत्पादों की बिक्री बढ़ाना है। इससे परियोजना के क्षेत्र में दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने में योगदान मिलेगा।
भारत और जापान का 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग में दीर्घकालिक और लाभदायक इतिहास रहा है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत और जापान में आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। इससे भारत और जापान में रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी को और मजबूत बनाने मे मदद मिलेगी।