नयी दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र के एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएन-इस्केप) ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुँच जाने का अनुमान व्यक्त किया है।
आयोग के यहाँ गुरुवार को प्रकाशित एशिया-प्रशांत आर्थिक एवं सामाजिक सर्वेक्षण 2019 में कहा गया है कि गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2018-19 में देश की अनुमानित विकास दर 7.2 प्रतिशत रही है जिसके चालू वित्त वर्ष में 7.5 प्रतिशत पर पहुँच जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2020-21 में इसके 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
सर्वेक्षण में विकास दर के साथ देश में औसत खुदरा महँगाई के भी बढ़ने का अनुमान इसमें कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत पर रहने वाली महँगाई की दर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 4.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत पर पहुँच जायेगी।
सर्वे में कहा गया है कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ओवरऑल आर्थिक परिदृश्य स्थिर और महँगाई दर अपेक्षाकृत कम रहेगी। यूएन-इस्केप के दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया निदेशक डॉ नगेश कुमार ने कहा कि भारत और बंगलादेश के सात प्रतिशत से ज्यादा की दर से विकास करने के कारण इस क्षेत्र में दक्षिण एशिया की विकास दर सर्वाधिक बनी रहेगी। इस क्षेत्र में काम करने की उम्र वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि को देखते हुये अच्छे रोजगार सृजन की आवश्यकता है।