नई दिल्ली। पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि वाजपेयी एक प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव लाने में अहम योगदान दिया। वह विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग का समर्थन करते हुए दक्षेस के प्रमुख समर्थक रहे।
वक्तव्य के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार और वहां के लोग वाजपेयी के परिवार तथा भारत सरकार एवं भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने भी वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट किया है। राजपक्षे ने ट्विटर पर लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से भारत ने एक महान नेता खो दिया है। मैं उनके परिवार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। हसीना ने अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को बांग्लादेश में एक महान मित्र के रूप में अत्यधिक सम्मान प्राप्त था। भारत के लोगों के कल्याण के लिए उनके अथक कार्यों से भविष्य की पीढ़ी के नेताओं को प्रेरणा मिलेगी। वर्ष 1971 में हमारे स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अमूल्य योगदान दिया। बांग्लादेश सरकार ने उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया था।
भारत में चीन के राजदूत लोउ झाउहुई ने भी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। झाउहुई ने टि्वटर पर लिखा वाजपेयी चीन के नेताओं की तीन पीढ़ियों से मिले। वर्ष 2003 में प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने चीन का दौरा किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने भी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। ओली ने शोक संदेश में कहा कि वाजपेयी निर्विवाद अखंडता तथा समर्पण वाले एक दूरदर्शी राजनेता थे। जिन्हें उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए याद किया जाएगा।
वाजपेयी के निधन पर इमरान खान ने जताया शोक
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष एवं भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच उनके शांति प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा।
खान ने वाजपेयी को दक्षिण एशिया की राजनीति की बड़ी शख्सियत बताते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को बढ़ाने की जिम्मेदारी निभाई। इस दुख की घड़ी में हम भारत के साथ खड़े हैं। वाजपेयी के निधन से दक्षिण एशिया की राजनीति में शून्यता उत्पन्न हुई है।