नई दिल्ली। फिलिस्तीनी शहर रामल्लाह में रविवार को भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य दूतावास परिसर के अंदर मृत पाए गए हैं, जो साल 2008 बैच के एक आईएफएस अधिकारी हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है कि रामल्लाह में भारत के प्रतिनिधि मुकुल आर्य के निधन के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा। वह एक उज्ज्वल और प्रतिभाशाली अधिकारी थे, उनके सामने उनकी पूरी जिंदगी पड़ी थी। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। ओम शांति।
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और प्रधानमंत्री डॉ. मुहम्मद इब्राहिम शतयेह ने उनकी मौत के कारणों की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। आर्य ने पिछले साल 16 जून को राष्ट्रपति महमूद अब्बास को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया था। वह पहले काबुल में भारतीय दूतावास में दूसरे सचिव रह चुके हैं।
वह पेरिस में यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल और मॉस्को में भारतीय दूतावास के रूप में भी काम कर चुके हैं। फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत मुकुल आर्य का रामल्लाह में उनके कार्यस्थल पर निधन हो गया है और उनके पार्थिव शरीर को भारत पहुंचाने की सम्पूर्ण व्यवस्था करने के लिए हमने भारत के विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क किया है।
विदेश मामलों और प्रवासियों के मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि उन्हें फिलिस्तीन रमें भारतीय गणराज्य के राजदूत मुकुल आर्य की मृत्यु की खबर बेहद आश्चर्य और सदमे के साथ मिली।
इस दुखद अवसर पर फिलिस्तीन के विदेश मंत्री डॉ रियाद अल-मलिकी ने भारत में अपने समकक्ष सुब्रमण्यम जयशंकर से संपर्क कर भारत सरकार और आर्य के परिवार और रिश्तेदारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की।