नई दिल्ली। लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस बार 21 तोपों की सलामी द्वितीय विश्व युद्ध के समय की ब्रिटिश काल की तोपों के साथ साथ पहली बार स्वदेशी तोप एडवांस्ड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम (अटैग) से दी जाएगी।
रक्षा सचिव डा. अजय कुमार ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ऐतिहासिक लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे और वह लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस समारोह का विशेष आकर्षण देश में ही ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत विकसित घरेलू होवित्जर तोप, अटैग होगी जो पहली बार लाल किले पर औपचारिक 21-तोपों की सलामी के दौरान गर्जना करेगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित पूरी तरह से स्वदेशी तोप अटैग, ब्रिटिश काल की तोपों के साथ सलामी देगी। अब तक पारंपरिक रूप से ब्रिटिश काल की तोपों से ही सलामी दी जाती रही है।
वैज्ञानिकों और तोपखाने के अधिकारियों के नेतृत्व में डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान पुणे की टीम ने इसे संभव बनाने के लिए इस परियोजना पर काम किया। एटीएजीएस परियोजना 2013 में डीआरडीओ द्वारा भारतीय सेना में प्रयोग की जा रही पुरानी तोपों को आधुनिक 155 एमएम आर्टिलरी गन के साथ बदलने के लिए शुरू की गई थी।
एआरडीई ने इस विशेष तोप के निर्माण के लिए दो निजी प्रतिष्ठानों भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ साझेदारी की। एटीएजीएस 155 एमएम कैलिबर गन सिस्टम है जिसमें 48 किलोमीटर की फायरिंग रेंज और उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक शक्ति पद्धति, उन्नत संचार प्रणाली, रात के दौरानप्रत्यक्ष-फायर पद्धति में स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली जैसी उन्नत विशेषताएं हैं। एटीएजीएस एक विश्व स्तरीय प्रणाली है जो जोन 7 में बाइमोड्यूलर चार्ज सिस्टम को फायर करने में सक्षम है। दुनिया में किसी अन्य तोपको अभी तक उस क्षमता के लिए नहीं जाना जाता है।
डा. कुमार ने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए देश के सभी जिलों के एनसीसी कैडेटों को आमंत्रित किया गया है। इन कैडेटों को भारत के मानचित्र के भौगोलिक फॉरमेशन में लाल किले की प्राचीर के सामने ‘ज्ञान पथ’ पर बैठाया जाएगा। वे भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक स्थानीय परिधानों में सुसज्जित होकर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संदेश को प्रसारित करेंगे। इसके अलावा
समाज के उस वर्ग को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है,जिसे आमतौर पर अनदेखा किया जाता है। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रेहड़ी-पटरी वाले, मुद्रा योजना ऋणग्राही व्यक्ति, शवगृह कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। उन्हें लाल किले पर मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बार 14 देशों अमरीका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ब्राजील, फिजी, इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, मालदीव, मॉरीशस, मोजाम्बिक, नाइजीरिया, सेशेल्स, संयुक्त अरब अमीरात और उज्बेकिस्तान के 26 अधिकारी, पर्यवेक्षक और 127 कैडेट भारत आए हुए हैं। ये लालकिले पर मुख्य कार्यक्रम में भाग लेने के अलावा दिल्ली और आगरा में सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थानों का दौरा करेंगे।
सिंह 12 अगस्त को वीर गाथा प्रतियोगिता (सुपर -25) के 25 विजेताओं को सम्मानित करेंगे। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में शुरू की गई अनूठी परियोजनाओं में से एक वीर गाथा का आयोजन सशस्त्र सेनाओं के वीरतापूर्ण कार्यों और बलिदानों के बारे में बच्चों को प्रेरित करने और उनमें जागरूकता फैलाने के लिए किया गया था।
गत वर्ष 21 अक्तूबर से 20 नवंबर के बीच आयोजित राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता में 4,788 स्कूलों के आठ लाख से अधिक छात्रों को निबंध, कविताओं, चित्रकारी और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रेरणादायक कहानियों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। कई दौर के मूल्यांकन के बाद 25 छात्रों का चयन कर उन्हें ‘सुपर-25’ घोषित किया गया। सिंह इन सुपर-25 को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे।
पहले संस्करण में सफलता के बाद वीर गाथा 2.0 सितंबर 2022 में लॉन्च होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस दूसरे संस्करण में छात्रों की एक बड़ी भागीदारी की उम्मीद है।