अजमेर। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत प्रभारी मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीया एवं आरटीडीसी चैयरमेन धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने शनिवार को कांजी हाउस में आयोजित कार्यक्रम में जॉबकार्ड वितरित किए।
जॉबकार्ड वितरण कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री महेन्द्र जीत सिंह मालवीया ने कहा कि पूर्व में अकालराहत के कार्य अनियमित तरीके से केवल गर्मियों में ही चलाए जाते थे। गरीब वर्ग को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना आरंभ की गई।
कोरोना काल में इस योजना के द्वारा अर्थव्यवस्था में दिए योगदान को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी ऎसी ही योजना इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी के नाम से आरंभ की गई। योजना के माध्यम से गरीब वर्ग की जेब में पैसा पहुंचेगा। यह पैसा बाजार में आने से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। मांगते ही कार्य मिलने से मजदूरों की बेरोजगारी खत्म होगी। श्रमिकों को ईमानदारी के साथ पूजा समझकर कार्य करना चाहिए। योजना में महिला मेट को प्राथमिकता दी जाए।
आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि शहरी क्षेत्र के गरीबों को रोजगार की गारंटी देने वाला राजस्थान पहला राज्य है। कानून बनाकर श्रमिकों को रोजगार प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। कच्ची बस्ती के निवासियों एवं गरीब वर्ग को 100 दिन का रोजगार मिलने से परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। यह वंचित वर्ग के लिए संजीवनी का कार्य करेगी।
नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की प्रगति से अवगत कराया। भविष्य में काम मांगने के लिए कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसके लिए एक मोबाईल नंबर जारी किया जाएगा। इस पर फोन करके मस्टरोल में नाम जुड़वाने की व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है।
जॉब कार्ड वितरण के समय प्रभारी मंत्री मालवीया एवं आरटीडीसी अध्यक्ष राठौड़ ने श्रमिकों के मध्य बैठकर ही जॉब कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल, पूर्व जिला प्रमुख रामस्वरूप चौधरी, पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, कलक्टर अंश दीप, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट, अतिरिक्त कलक्टर भावना गर्ग, नगर निगम उपायुक्त सीता वर्मा, पार्षद गजेन्द्र सिंह रलावता, नोरत गुर्जर एवं हेमन्त जोधा सहित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।