जकार्ता। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो के मोटरसाइकिल पर गेलोरा बुंग कार्नाे स्टेडियम पहुंचने और इंडोनेशिया की सांस्कृतिक झलक के बीच 18वें एशियाई खेलों का 18 अगस्त को रंगारंग आगाज़ हो गया जिसमें 45 देशों के 10 हजार से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबंग शहरों में आयोजित हो रहे 18वें एशियाई खेलों की मशाल को पिछले महीने नयी दिल्ली के ऐतिहासिक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम से रवाना किया गया था। दिल्ली में ही 1951 में पहले एशियाई खेलों का आयोजन हुआ था।
यह दूसरा मौका है जब इंडोनेशिया में एशियाई खेल आयोजित हो रहे हैं। इंडोनेशिया ने 1962 में जकार्ता में ही पहली बार एशियाई खेलों का आयोजन किया था। स्टेडियम में लगी विशाल स्क्रीन पर 1962 के जकार्ता खेलों के उद्घाटन समारोह की झलक भी दिखलाई गई।
उद्घाटन समारोह की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मोटर साइकिल चलाते हुए शहर की सड़कों से गुजरे और फिर स्टेडियम पहुंचे। एशियाई खेलों के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी मेजबान देश के राष्ट्रपति मोटर साइकिल से स्टेडियम पहुंचे। उद्घाटन समारोह में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और बड़े खेल अधिकारी मौजूद थे।
इंडोनेशिया की लीजेंड बैडमिंटन खिलाड़ी सूसी सूसांती ने दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में इन खेलों की मशाल को ग्रहण किया था और उन्होंने आज मशाल से एशियाई खेलों की ज्योति को प्रज्ज्वलित किया। मशाल को स्टेडियम लाए जाने से पहले राष्ट्रपति भवन में रखा गया था। सूसांती के ज्योति प्रज्ज्वलित करते ही स्टेडियम के ऊपर आसमान रंग बिरंगी आतिशबाजी से चकाचौंध हो उठा। इंडोनेशिया ने इन खेलों के आयोजन पर दो अरब डॉलर का खर्च किया है।