जींद। हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) शनिवार को दोफाड़ हो गई जब इससे निष्कासित इसके अजय चौटाला ने नया राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की और इस तरह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला परिवार के बीच चल रहे घमासान की परिणती राजनीतिक बंटवारे के रूप में हो गई।
डॉ चौटाला ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत स्थानीय हुडा मैदान में बुलाए गए कार्यकर्ता सम्मेलन में अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि वह इनेलो और इसका चुनाव चिन्ह चश्मा अपने अजीज भाई ‘बिल्लू‘ (अभय चौटाला) को गिफ्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि नई पार्टी का नया झंडा होगा। उन्होंने आगामी नौ दिसम्बर जींद में प्रदेशस्तरीय रैली की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें वह नई पार्टी के नाम का भी ऐलान करेंगे।
इससे पूर्व सफीदों रोड स्थित एक होटल में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें इनेलो के कई प्रदेश प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, पूर्व विधायक और जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी आए। बैठक में सभी ने इनेलो से सामूहिक इस्तीफे सौंपते हुए नई पार्टी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे।
डॉ चौटाला ने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में तीन विकल्प सामने आए। जिसमें इनेलो और उसके चुनाव चिन्ह चश्मे पर दावा करना लेकिन यह लम्बी प्रक्रिया थी तथा बैठक में उपस्थित नेता इस पर सहमत नहीं हुए। दूसरा विकल्प किसी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करना लेकिन इस पर सहमति नहीं बनी।
तीसरे विकल्प के रूप में नया राजनीतिक दल बनाने पर सभी ने इस पर सहमति जाहिर की। उन्होंने कहा कि वह 20 नवम्बर को पुन: जेल जा रहे हैं और कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद सभी पदधिकारियों द्वारा सौंपे गए इस्तीफों को वह ओमप्रकाश चौटाला को सौपेंगे।
उन्होंने अपने छोटे भाई अभय चौटाला पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि चंडीगढ़ में बैठकर ये लोग दस विधायकों को बंधक बनाकर खिंचा रहे हैं। यही पार्टी का नाश करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत पहले दुष्यंत और दिगिवजय तथा बाद में उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। मैंने हमेशा पार्टी को खून पसीने से सींचा।
उनके अधिकतर राजस्थान में रहने के अभय चौटाला को लेकर उन्होंने कहा कि वह श्री देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को मजबूत करने के लिए वहां समय देते थे न कि पार्टी में सीएम बनने के लिए। उन्होंने कहा कि 662 किलोमीटर की पदयात्रा श्री ओम प्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने के लिये की थी न कि खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए।
डॉ चौटाला ने कहा कि एफआईआर में न नाम न गवाही फिर भी वह दस साल की सजा काट रहे हैं और वह भी अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के लिए। उन्होंने अभय पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं राजस्थान भाजपा के लिए वोट मांगने नही मांगने जाता जिस प्रकार अभय अपने साले के लिए जाता है।
इस मौके पर दुष्यंत्र चौटाला ने दादा ओमप्रकाश चौटाला को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वह उन्हें अपने मंच पर लाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा कसूर केवल यह था कि हम जनता के प्रिय हैं। जिस पार्टी से उन्हें निकाला गया उसमें वापस अब लौटने को मन नहीं मान रहा है।