चंडीगढ़। करनाल में 12 अप्रेल को आईटीआई के छात्रों और अध्यापकों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज के विरोध में छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाईजेशन ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की।
प्रदेश के विभिन्न शहरों में इनसो कार्यकर्ताओं ने सीएम मनोहर लाल की शव यात्रा निकालते हुए जगह-जगह उनका पुतला फूंका। इसके बाद इनसो कार्यकर्ताओं ने जिला उपायुक्तों को राष्ट्रपति, राज्यपाल और मानव अधिकार आयोग के नाम ज्ञापन सौंपा। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देसवाल ने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज सरकार की तानाशाही का सबूत है।
भाजपा सरकार ने अपने खिलाफ उठने वाली आवाज को हमेशा इसी तरह से दबाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री इस मामले में माफी नहीं मांगते तब तक इनसो उनका विरोध करती रहेगी और सीएम का घेराव भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस अमानवीय घटना की राष्ट्रपति, राज्यपाल और मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखकर पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले की जांच किसी रिटायर्ड जज से कराई जाए ताकि पीडि़तों को न्याय मिले।
प्रदीप देसवाल ने कहा कि ऐसा लगता है भाजपा सरकार हरियाणा के हालात भी कश्मीर जैसे करना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी बर्बरता तो कोई दुश्मनों पर भी नहीं दिखाता जैसी करनाल पुलिस ने किशोर छात्र-छात्राओं पर दिखाई है।
देसवाल ने बताया कि रविवार (14 अप्रेल) को उन्होंने मृतक छात्र के घर जाकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की और उनको विश्वास दिलाया कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक इनसो सड़को पर उतर कर संघर्ष करेगी।
वहीं देसवाल ने ये भी बताया कि घटना के अगले दिन ही वो करनाल में घायल छात्रों से मिलकर आए थे। उस दौरान उनको छात्रों ने बताया था कि बेशर्मी और बर्बरता की हद दिखाते हुए पुलिस के जवानों ने उन्हें गिरेबान पकड़कर पीटा और लाठियां मारी। छात्राओं ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें बुरी-भली बातें कही जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा गलत काम कर दिया हो।
उन्होंने कहा कि सरकार और पुलिस के द्वारा विद्यार्थियों पर अत्याचार किया गया है जिसके लिए प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल को हर हाल में माफी मांगनी पड़ेगी। वहीं उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए ताकि पीड़ित छात्रों का न्याय मिले।