जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार सांभर झील के संरक्षण को लेकर गम्भीर है तथा झील में अवैध बोरिंग, बिजली कनेक्शन और अतिक्रमण तत्काल हटाएं और झील में प्रदूषण रोकने के पुख्ता इंतजाम किये जाएं।
आचार्य ने आज शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से आयोजित सांभर झील से संबंधित स्टेण्डिग कमेटी की बैठक में यह बात कही। बैठक में मुख्य सचिव ने सांभर झील की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और झील के इर्द-गिर्द हो रहे अवैध नमक खनन और अन्य अवैध गतिविधियों को लेकर चिन्ता जतायी। उन्होंने नागौर और अजमेर जिला कलेक्टर को अवैध विद्युत कनेक्शन तुरन्त प्रभाव से हटवाने के निर्देश दिये और कहा कि वे अभियान चलाकर इस क्षेत्र को अतिक्रमण और अवैध गतिविधियों से मुक्त करने का काम करें।
आचार्य ने अवैध नमक खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पाइप लाइनें, सबमर्सीबल पम्प सैटों को जप्त करने के लिए बिजली एवं पुलिस विभाग के समन्वय से कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने दोषियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी झील क्षेत्र में लगातार पैट्रोलिंग और मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि झील में प्रदूषण रोकने के लिए एसटीपी लगाया जा सकता है तथा नमक निकालने के बाद बचे हुए वेस्ट सोडियम सल्फेट का उद्योगों के लिए उपयोग खोजकर उचित डिस्पोजल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा अधिकारियों की ट्रेनिंग के माध्यम से कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया जाए, जिससे झील पर आने वाले प्रवासी पक्षियों में किसी भी प्रकार की बीमारी का लक्षण मिलते ही तत्काल कदम उठाए जा सकें। आर्य ने कहा कि झील के संरक्षण के लिए यह भी जरूरी है कि लेक बैड पर गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए।