नई दिल्ली। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन और विरोध को लेकर हुई हिंसा के सम्बन्ध में बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के एक समूह (GIA) ने गृह मंत्रालय को बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के समूह की संयोजक मोनिका अरोड़ा ने कहा, दिल्ली में हुई हिंसा पूरी तरह से सुनियोजित थी और इस बात के सबूत सामने आये हैं कि लेफ्ट-जिहादी मॉडल ऑफ रिवोल्यूशन ने यह योजना बनाई थी तथा इसी तरह की हिंसा अन्य क्षेत्रों में किये जाने की भी तैयारी थी।
जीआईए ने दिल्ली हिंसा पर अपनी जांच रिपोर्ट गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी को सौंपी जहां दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापक प्रेरणा मल्होत्रा समेत समूह के कई सदस्य भी शामिल थे। जीआईए ने 29 फरवरी के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जिसमें समूह के सदस्यों ने स्थानीय लोगों, पुलिस अधिकारियों और हिंसा के पीड़ितों से बातचीत की।
जीआईए के अनुसार दिल्ली में चार चरणों में हुई अलग-अलग घटनाओं के चलते पूर्वी दिल्ली में हिंसा फैली जिसमें 11 दिसंबर को सीएए के पारित किये जाने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया, जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई घटनाएं शामिल हैं।
साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना और शाहीन बाग की सभाओं में मुस्लिम समुदाय के बीच भय का माहौल बनाने का कारण भी रिपोर्ट में मुख्य तौर पर शामिल किया गया है।
इसके अलावा जीआईए ने दिल्ली हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी से कराने की सिफारिश की है और दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया, जेएनयू तथा अन्य विश्वविद्यालयों से भी इस मामले में कॉलेज परिसर के दंगाइयों द्वारा इस्तेमाल को लेकर जांच कराने का अनुरोध किया है। दिल्ली में 24 और 25 फरवरी को हुई हिंसा की घटनाओं में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं।