नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा की धनशोधन मामले में गिरफ्तारी पर रोक की समय सीमा शनिवार को छह फरवरी तक के लिए बढ़ा दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार को बताया कि अरोड़ा जांच में सहयोग कर रहे हैं। ईडी के वकील ने कहा कि अरोड़ा शुक्रवार को जांच में शामिल हुए और वह अब तक सहयोग कर रहे हैं।
अरोड़ा ने अदालत में आरोप लगाया कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने उनके खिलाफ राजनीतिक मंशा के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं, ईडी का कहना है कि क्या किसी एजेंसी को जांच नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सभी यही कहेंगे कि मामले राजनीतिक मंशा से दायर हुए हैं।
ईडी ने अरोड़ा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने को लेकर पटियाला हाउस अदालत में आवेदन किया था। ईडी ने अदालत को बताया कि लंदन में वाड्रा के 19 लाख पाउंड कीमत की संपत्ति के संबंध में आयकर विभाग की जांच में अनियमितता पाई गई है। एजेंसी के वकील ने कहा कि इस मामले में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए अरोड़ा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाए, ताकि आगे की पूछताछ की जा सके।
ईडी ने सुनवाई के दौरान कहा था कि अरोड़ा को पहले भी समन जारी किया गया था और वह पूछताछ से बचते रहे हैं। ईडी ने दावा किया था कि अरोड़ा के पास वाड्रा के मामले से जुड़े कई दस्तावेज हैं और संपत्ति की खरीद-फरोख्त के संबंध में हुए ई-मेल की जानकारी भी उनके पास है। न्यायाधीश कुमार ने याचिका पर सुनवाई के बाद अरोड़ा की गिरफ्तारी पर छह फरवरी तक के लिए रोक लगा दी।