बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार में अवैध शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार अंतरराष्ट्रीय गोल्फर ज्योति रंधावा और उनके मित्र सेना में कैप्टन रहे महेश विराजदार को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ज्योतिंदर सिंह रंधावा फिल्म अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह के पूर्व पति हैं।
गौरतलब है कि मोतीपुर थाना क्षेत्र के नानपारा-लखीमपुर मार्ग से सटे खपरा वन चौकी क्षेत्र के ग्राम खडिय़ा नैनिहा में गोल्फर ज्योतिंदर सिंह रंधावा निवासी सोहा रोड गुड़गांव (हरियाणा) के पिता रणधीर सिंह रंधावा का फार्म हाउस है। पिछले दिनों ज्योति रंधावा अपने दोस्त महेश विराजदार निवासी निम्बरगढ़ जिला शोलापुर महाराष्ट्र, बेटे जोरावर रंधावा और पिता के साथ फार्म हाउस पर आए थे।
बुधवार 26 दिसम्बर की सुबह शिकार के लिए निजी वाहन से कतर्नियाघाट वन क्षेत्र मोतीपुर रेंज के कंपार्ट संख्या 5/6 के बीच बीट संख्या 29 में अवैध शिकार कर संरक्षित वन क्षेत्र से निकल रहे थे। इसी दौरान खपरा वन चौकी के निकट स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स और वन टीम ने घेराबंदी कर उनके वाहन को रोक लिया।
तलाशी में उनके वाहन से 0.22 विदेशी रायफल, तीन कारतूस के खोखे और 80 जिंदा कारतूस, नाइट विजन दूरबीन, 36 हजार नकद, मृत जंगली मुर्गा, संभार की खाल और शिकार से अम्बंधित अन्य सामान बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान पता चला कि वे अंतरराष्ट्रीय गोल्फर है।ज्योति रंधावा के साथ गिरफ्तार महेश सेना से कोर्ट मार्शल के बाद निकाल दिए गए थे।
दुधवा फील्ड डायरेक्टर डॉ. रमेश पांडेय ने बताया कि पकड़े गए ज्योतिं रंधावा और महेश विराजदार के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की धारा 26, 52, 64 एवं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 27, 29, 31, 32, 38, 44, 49, 50 व 51 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। डॉक्टरी परीक्षण कराकर दोनों को जेल रवाना कर दिया गया है।
ज्योति रंधावा का विवाह अभिनेत्री चित्रांगदा से हुआ था कुछ दिन बाद उनका तलाक हो गया और दोनों अलग हो गए। विश्व गोल्फ रैंकिंग में ज्योति रंधावा सबसे ज्यादा रैंकिंग पाने वाले द्वितीय भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय सब-जूनियर खिताब जीता था। इसके बाद 1993 में उन्होंने ‘ऑल इंडिया अमेचर चैंपियनशिप’ जीती और इसके बाद गोल्फ के प्रोफेशनल खिलाड़ी बन गए। वर्ष 1998 तथा 1999 में ‘हीरो होंडा मास्टर्स, जीता था।
वर्ष 2000 में ‘इंडियन ओपन जीता। वर्ष 2000 में ही ‘सिंगापुर ओपन’ जीत कर अन्तर्राष्ट्रीय सफलता प्राप्त की और एशिया में ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट’ जीत लिया। वर्ष 2000 में ही ‘प्लेयर्स प्लेयर ऑफ द ईयर’ चुना गया। विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ गोल्फ खिलाड़ियों में ज्योति रंधावा का नाम भी है। विश्व रैकिंग में जीव मिल्खा सिंह के पश्चात् उनकी द्वितीय सबसे ऊची रैकिंग है।
पांडेय ने बताया कि भारतीय वन्य संरक्षण अधिनियम-1972 सौ से अधिक जानवरों के साथ ही वनस्पतियों की सुरक्षा की गारंटी देता है। इसका मकसद वन्यजीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना है। 2003 में इसे संशोधित किया गया। तब इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 है। इसके तहत दंड और जुर्माना को कहीं कठोर कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि कानून में प्रावधान के अनुसार संरक्षित जीवों की छह अनुसूचियां हैं। सभी अलग-अलग तरह से वन्यजीवन को सुरक्षा प्रदान करती हैं। अनुसूची-1 और अनुसूची-2 के वन्यजीवों को पूरी सुरक्षा दी दी जाती है। इनके प्रति अपराध के लिए कठोर दंड दिया जाता है।
अनुसूची-3 और अनुसूची-4 के तहत भी वन्य जानवरों को संरक्षण प्रदान किया जाता है। इसमें आने वाले जानवरों और पक्षियों के शिकार पर दंड बहुत कम हैं। अनुसूची-5 में उन जानवरों को शामिल किया गया है जिनका शिकार हो सकता है। छठी अनुसूची में दुलर्भ पौधों और पेडों पर खेती और रोपण पर रोक है।
पाण्डे के अनुसार अनुसूची एक की सूची में आने वाले जानवरों जैसे अनुसूची एक में 43 वन्य जीव शामिल वन्यजीवों में सुअर से लेकर कई तरह के हिरण, बंदर, भालू, चिकारा, तेंदुआ, लंगूर, भेड़िया, लोमड़ी, डॉलफिन, कई तरह की जंगली बिल्लियों, बारहसिंगा, बड़ी गिलहरी, पेंगोलिन, गैंडा, ऊदबिलाव, रीछ और हिमालय पर पाए जाने वाले कई जानवरों के नाम शामिल हैं।
अनुसूची दो के भाग एक में कई तरह के बंदर, लंगूर, सेही, जंगली कुत्ता, गिरगिट आदि हैं। अगोनोट्रेचस एण्ड्रयूएसी, अमर फूसी, अमर एलिगनफुला, ब्रचिनस एक्ट्रिपोनिस और कई तरह के जानवर हैं, अगर इन जानवरों का शिकार किया गया है तो उसमें कम से कम तीन साल के जेल का प्रावधान है हालांकि इस सजा को सात साल तक बढाया जा सकता है।