अजमेर। श्रीगुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित पाकिस्तान में ननकाना साहेब से चली अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा शनिवार शाम राजस्थान में अजमेर पहुंची।
दौराई के रास्ते अजमेर की सीमा माखूपुरा पहुंचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक समितियाें एवं सिख समाज के प्रमुख लोगों ने यात्रा की अगवानी की। उसके बाद यात्रा ने शहर में प्रवेश किया। यात्रा को जुलूस के रूप में आदर्श नगर से नौ नंबर पेट्रोलपंप होते हुए गुरुद्वारा नगरा लाया गया।
जुलूस के आगे सिख समाज के पचास युवा मोटरसाइकिलों पर आगे आगे चल रहे थे। साथ ही सिख समाज की महिलाएं पारदर्शी कांच से ढके ट्रक पर पालकी साहब के आगे सड़कों पर सफाई करते हुए चली।
पंचप्यारे हाथों में तलवार लिए कीर्तन यात्रा के आगे चल रहे थे। यात्रा गुरुद्वारा अलवर गेट होते हुए मार्टिंडल ब्रिज, स्टेशन रोड, गांधी भवन, गुरुद्वारा हाथीभाटा, आगरा गेट, महावीर सर्किल फव्वारा होते हुए गुरुद्वारा गंज पहुंची।
निर्धारित समय से दो घंटे विलंब के बावजूद विभिन्न सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन का भव्य स्वागत किया गया। सर्व पंथ समादर मंच अजयमेरु की ओर से यात्रा पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। करीब रात्रि दस बजे से पूर्व यह यात्रा तीर्थराज पुष्कर स्थित गुरुद्वारा पहुंचेगी जहां रात्रि ठहराव रहेगा। पुष्कर में ही कीर्तन दरबार सजाकर लंगर का आयोजन होगा।
उल्लेखनीय है कि यह यात्रा कोटा से बाबा लक्खा सिंह की अगुवाई में गुरुद्वारा अगमगढ़ से अजमेर पहुंची है और रात्रि विश्राम पुष्कर करने के बाद कल सुबह राजधानी जयपुर के लिए प्रस्थान करेगी।
पाकिस्तान के ननकाना साहेब से आई इस अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा के प्रति सिख समुदाय में बसी आस्था देखती ही बन रही थी। महिला पुरुष, बच्चे एवं बुजुर्ग उत्साह के साथ पूरे जुलूस में शिरकत कर रहे थे।
पुष्कर में जोरदार स्वागत, आतिशबाजी
श्रीगुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित पाकिस्तान में ननकाना साहेब से चली अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन यात्रा शनिवार देर शाम तीर्थनगरी पुष्कर पहुंची। यात्रा में गुरु महाराज की सवारी, गुरुद्वारा ननकाना सहिब के 200 सदस्यों तथा कोटा, अजमेर समेत अन्य स्थानों से आए सैकडों लोगों ने यात्रा में भाग लिया। यात्रा के पुष्कर पहुंचने पर स्थानीय संगत की ओर से भव्य आतिशबाजी की गई। लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी, गुरुओं के अस्त्र शस्त्रों औश्र पालकी में रखे गुरु नानक देवजी के खडाउ के दर्शन किए।