भोपाल। मध्यप्रदेश में एक साल पहले गठित हुए मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अंतर्गत कार्यरत निवेश संवर्धन इकाई के प्रयासों के चलते प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में तकरीबन 700 करोड़ रुपयों का निवेश होने की संभावना जताई जा रही है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 10 अप्रैल को गठन का एक साल पूरा कर रहे बोर्ड के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य पर्यटन को और विस्तार देना और निवेश के लिये निवेशकों को सहूलियतें मुहैया कराना था। बोर्ड ने मध्यप्रदेश पर्यटन की ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लंदन में संपन्न ‘वर्ल्ड ट्रेवल मार्ट’ में अपनी उपस्थिति दर्ज की। ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न में हुए ‘ए.आई.एम.ई. – 2018’ में मध्यप्रदेश पर्यटन को बेस्ट एक्जीबिटर का अवार्ड मिला।
बोर्ड के अंतर्गत कार्यरत निवेश संवर्धन इकाई द्वारा रणनीति अपनाकर निवेश संवर्धन के लिए काम किये, जिसके परिणामस्वरूप पर्यटन क्षेत्र में तकरीबन 700 करोड़ रुपयों का निवेश संभावित है। इसमें मुख्य रूप से 49 जिलों के 144 स्थानों पर 849.077 हेक्टेयर शासकीय भूमि हस्तानांतरित कराई जाकर लैण्ड-बैंक बनाया गया है। इसके साथ ही 71 स्थान पर 431.515 हैक्टेयर भूमि चिन्हित भी की जा चुकी है। इसका हस्तानांतरण भी प्रक्रिया में है।
इस साल वॉटर स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स हनुवंतिया में जल-महोत्सव (तृतीय) का 80 दिवसीय सफल आयोजन हुआ वहीं बरगी (जबलपुर) और गाँधीसागर बाँध (मंदसौर) में व्यापक स्तर पर ‘झील महोत्सव’ हुआ। इसी श्रंखला में भोपाल में ‘भोज एडवेंचर फेस्ट-2018’, रीवा में विन्ध्य महोत्सव, पचमढ़ी उत्सव, निमाड़ उत्सव, माँडू महोत्सव, बालाघाट में बेगा ओलंपिक जैसे महत्वपूर्ण आयोजन सफलता के साथ संपन्न हुए। जल-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में 18 जल क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है।
मध्यप्रदेश में पर्यटन के विस्तार एवं प्रोत्साहन के लिये मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड 10 अप्रैल, 2017 से अस्तित्व में आया। बोर्ड के संचालक मंडल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेन्द्र पटवा एवं मुख्य सचिव उपाध्यक्ष हैं।