मुंबई 18 नवंबर :- बीते सप्ताह लगातार तीसरी साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह वैश्विक संकेतों, कच्चे तेल के उतार-चढाव,डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा की स्थिति, भारतीय रिजर्व बैंक की बोर्ड की बैठक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के रूझान और छत्तीसगढ़ में होने वाले दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव से तय होगी।आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 298.61 अंक की साप्ताहिक बढ़त के साथ छह सप्ताह के उच्चतम स्तर 35,457.16 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 97 अंक की तेजी के साथ 10,682.20 अंक पर पहुंच गया।
इस अवधि में बीएसई का मिडकैप भी 53.61 अंक की बढ़त में 14,997.81 अंक पर पहुंच गया। हालांकि, दिग्गज और मंझोली कंपनियों के विपरीत छोटी कंपनियों में बिकवाली हावी रही और बीएसई का स्मॉलकैप 185.97 अंक लुढ़ककर 14,485.88 अंक पर बंद हुआ। बीते तीन सप्ताह से घरेलू शेयर बाजार में तेजी रही है। इन तीन सप्ताह में सेंसेक्स 2107.85 अंक और निफ्टी 652 अंक मजबूत हुआ है।
आलोच्य सप्ताह के दौरान एफपीआई लिवाल बने रहे। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव करीब पांच फीसदी लुढ़के जिससे वित्तीय घाटा, चालू खाता घाटा और महंगाई दर को लेकर निवेशकों की आशंकायें कम हुई हैं। आगामी सप्ताह भी निवेशक कच्चे तेल की चाल और एफपीआई के रुझान पर नजर बनाये रखेंगे। साथ ही भारतीय मुद्रा भी बीते सप्ताह 57 पैसे की साप्ताहिक बढ़त में 71.93 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया जिससे निवेश धारणा सकारात्मक रही। अगले सप्ताह भी इसके उतार-चढाव का प्रभाव शेयर बाजार पर रहेगा।
आगामी सप्ताह यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर आने को लेकर ब्रिटेन में आयी राजनीतिक अस्थिरता का असर भी शेयर बाजार पर दिखेगा। आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई में 19 नवंबर को मुम्बई में केंद्रीय बैंक की सेंट्रल बोर्ड की बैठक होने वाली है। केंद्र सरकार और आरबीआई के उपजे तनाव के बीच इस बैठक पर निवेशकों की निगाहें टिकी होंगी।