नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की ओर से चिदंबरम के स्वास्थ्य के बारे में यह रिपोर्ट दिए जाने के बाद कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत नहीं है, यह फैसला सुनाया।
दिल्ली की एक विशेष अदालत ने चिदम्बरम को गुरुवार को भी राहत नहीं दी और उन्हें 14 दिन अर्थात 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने हालांकि प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के लिए एक दिन की हिरासत बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार नहीं किया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मीडिया कंपनी आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपए के विदेशी फंड लेने के लिए 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी देने में कई तरह की अनियमितताएं बरती गई। कंपनी को जब यह मंजूरी दी गई थी, उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। सीबीआई ने चिदंबरम को नई दिल्ली स्थित उनके निवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने चिदंबरम के खिलाफ 18 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। इस आरोप पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के अलावा पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी इंद्राणी मुखर्जी समेत 13 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय उन्हें सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी हालांकि वह इसके बावजूद रिहा नहीं हो पाए क्योंकि वह इस मीडिया समूह से संबंधित काले धन को वैध बनाने (मनी लॉन्डरिंग) के एक अन्य मामले में 24 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में थे।
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने 28 अक्टूबर को न्यायालय को बताया कि चिदंबरम की हालत बहुत गंभीर है और उन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने पिछले सप्ताह अदालत की सुनवाई के दौरान अपने मुवक्किल की ओर से अनुरोध किया था कि चिदंबरम को पेट दर्द के इलाज के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति दी जाए। इस पर न्यायालय ने गुरुवार को चिदंबरम के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच करने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया था जिसे उनके स्वास्थ्य की जांच कर यह पता लगायेगा कि क्या वाकई में उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है।
मेडिकल बोर्ड में चिदंबरम के पारिवारिक डाक्टर नागेश्वर रेड्डी भी शामिल थे। बोर्ड ने न्यायालय को रिपोर्ट दी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत नहीं है।
न्यायमूर्ति कैत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद और एम्स की रिपोर्ट देखने के बाद चिदम्बरम को तिहाड़ जेल में ही रखने का आदेश दिया। उन्हें जेल में मिनरल वाटर, घर में बना खाना और स्वच्छ माहौल उपलब्ध कराने की मंजूरी दे दी। इसके अलावा जेल प्रशासन को उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच कराने का भी निर्देश दिया गया।