नई दिल्ली। राजधानी की पटियाला हाउस अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
तीन दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कार्ति को सीबीआई के विशेष जज सुनील राणा की अदालत में पेश किया। अदालत के समक्ष सीबीआई ने बताया कि हिरासत के दौरान कार्ति सवालों का उत्तर देने से बचते रहे और जांच में सहयोग नहीं किया।
जांच एजेंसी ने कहा कि पूछताछ के दौरान सहयोग न करने से उसे आरोपी के सहयोग के बिना ही जांच करनी पड़ी। आरोपी की इस मामले में संलिप्तता को लेकर जांच एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए वह कार्ति की न्यायिक हिरासत का आग्रह कर रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के समन आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 10 मार्च को कार्ति को 20 मार्च तक गिरफ्तार नहीं करने को कहा था। निदेशालय ने पिछले साल मई में कार्ति के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
उन पर आरोप है कि जब उनके पिता केन्द्र में वित्त मंत्री थे तो उस समय आईएनएक्स मीडिया लिमिटेड और पीटर तथा इंद्राणी मुखर्जी को कथित रूप से फायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी और इसके बदले दलाली ली थी।