नई दिल्ली। आईपीएल का 12वां संस्करण जब अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुका है तो कई दिग्गज खिलाड़ी टूर्नामेंट छोड़कर स्वदेश लौट चुके हैं जबकि कई दिग्गज खिलाड़ियों की टीमें प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई ही नहीं कर सकीं।
टूर्नामेंट के लीग मैचों का समापन रविवार को हुआ और तीन-तीन बार के चैंपियन मुंबई, चेन्नई सुपरकिंग्स और दिल्ली कैपिटल्स तथा सनराइजर्स हैदराबाद ने प्लेऑफ में जगह बना ली। मुंबई और चेन्नई के तीन तीन बार खिताब जीतने के अलावा हैदराबाद भी एक बार चैंपियन रह चुकी है जबकि दिल्ली को अभी अपना पहला खिताब जीतना है।
मुंबई, चेन्नई और दिल्ली के लीग मैचों की समाप्ति के बाद एक बराबर 18-18 अंक रहे लेकिन बेहतर नेट रन रेट के आधार पर मुंबई को पहला, चेन्नई को दूसरा और दिल्ली को तीसरा स्थान मिला। हैदराबाद को चौथा स्थान मिला। हैदराबाद, कोलकाता और किंग्स इलेवन पंजाब के एक बराबर 12-12 अंक रहे लेकिन बेहतर नेट रन रेट ने हैदराबाद को प्लेऑफ में पहुंचा दिया।
अब सात मई को होने वाले पहले क्वालीफायर में मुंबई और चेन्नई का मुकाबला होगा जबकि दिल्ली और हैदराबाद आठ मई को एलिमिनेटर में भिड़ेंगे। पहला क्वालीफायर जीतने वाली टीम सीधे 12 मई के फाइनल में पहुंच जायेगी जबकि हारने वाली टीम एलिमिनेटर के विजेता से 10 मई को दूसरे क्वालीफायर में भिड़ेगी।
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा, चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर और हैदराबाद के कप्तान केन विलियम्सन अब प्लेऑफ में अपनी चुनौती रखेंगे। लीग मैचों में कई खिलाड़ियों का प्रदर्शन जबरदस्त रहा और कई खिलाड़ियों ने निराश भी किया।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरू और भारतीय कप्तान विराट कोहली एक बार फिर आईपीएल में अपनी टीम के प्रदर्शन को भुलाना चाहेंगे। बेंगलुरू की टीम 14 में से 8 मैच गंवाकर 11 अंकों के साथ सबसे फिसड्डी रही। राजस्थान रायल्स अजिंक्या रहाणे और स्टीवन स्मिथ की कप्तानी के बीच झूलती रही और वह भी 11 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रही।
राजस्थान को अपने आखिरी मैच में दिल्ली से मिली हार का गहरा अफसोस रहा होगा। राजस्थान यदि यह मैच जीत जाती तो वह 13 अंकों के साथ प्लेऑफ में पहुंच सकती है। कोलकाता और पंजाब को भी अपने नेट रन रेट का अफसोस रहा होगा जिसके कारण दोनों ही टीमें प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी। हैदराबाद, कोलकाता और पंजाब के एक बराबर 12 अंक थे लेकिन बेहतर रन औसत में हैदराबाद को प्लेऑफ में पहुंचा दिया।
कोलकाता ने अपने निर्णायक मुकाबले में मुंबई के खिलाफ बल्ले और गेंद दोनों से ही निराशाजनक प्रदर्शन किया। पूरे टूर्नामेंट में जबरदस्त बल्लेबाजी करने वाले और 14 मैचों में 510 रन बनाकर लीग दौर में तीसरे शीर्ष स्कोरर रहे कोलकाता के आंद्रे रसेल अंतिम मैच में खाता खोले बिना आउट हो गये जिससे कोलकाता की उम्मीदें टूट गई।
रसेल ने टूर्नामेंट में 31 चौके और रिकार्ड 52 छक्के मारे लेकिन जब टीम को उनसे बड़े स्कोर की सबसे अधिक जरूरत थी तब वह अपनी टीम को निराश कर गये। रसेल जैसा ही हाल पंजाब के ओपनर लोकेश राहुल का रहा जिन्होंने 14 मैचों में 593 रन मारे और दूसरे सर्वाधिक स्कोरर रहे। लेकिन उनकी टीम भी प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी।
हैदराबाद की टीम प्लेऑफ में तो पहुंच गयी है लेकिन उसके सबसे बड़े बल्लेबाज़ आस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर टीम के अंतिम दो लीग मैचों से पहले ही स्वदेश लौट गये। टीम को प्लेऑफ में वार्नर की कमी खलेगी जिन्होंने 12 मैचों में एक शतक और 8 अर्धशतकों की बदौलत सर्वाधिक 692 रन बनाए।
हैदराबाद के एक अन्य बल्लेबाज़ जॉनी बेयरस्टो ने 10 मैचों में 445 रन बनाये लेकिन वह भी विश्वकप की तैयारियों को लेकर इंग्लैंड लौट चुके हैं। वार्नर और बेयरस्टो की जोड़ी इस टूर्नामेंट की सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी रही। राजस्थान ने रहाणे को हटाने के बाद आस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ को फिर से कप्तान बनाया जिन्होंने राजस्थान को पटरी पर लौटाया लेकिन आखिरी मैच से पहले वह भी स्वदेश लौट गये और राजस्थान की गाड़ी अंत में पटरी से उतर गई।
प्लेऑफ में प्रशंसकों को विराट और ए बी डीविलियर्स जैसे स्टारों की कमी खलेगी। विराट ने 14 मैचों में 464 रन और डीविलियर्स ने 13 मैचों में 442 रन बनाए। पंजाब के क्रिस गेल ने 13 मैचों में 490 रन बनाए लेकिन वह भी प्लेऑफ से दूर रहेंगे।
गेंदबाजों में दिल्ली के क्लब से खेलने वाले तेज़ गेंदबाज़ दक्षिण अफ्रीका के कैगिसो रबादा पीठ की परेशानी के कारण स्वदेश लौट चुके हैं और प्लेऑफ में दिल्ली को रबादा की कमी काफी खलेगी। रबादा ने 12 मैचों में सर्वाधिक 25 विकेट हासिल किये हैं। पंजाब की ओर से खेलने वाले भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने 14 मैचों में 19 विकेट लिए लेकिन उन्हें भी प्लेऑफ से बाहर रहना पड़ेगा।