मुंबई। कोरोना वायरस के बाद 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरु होने वाले आईपीएल के 13वें सत्र हर टीम में खिलाड़ियों की संख्या सीमित रखी जा सकती है और रविवार को होने वाली संचालन परिषद की बैठक में इस बार के आईपीएल को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले किए जाने हैं।
आईपीएल का आयोजन इस साल 29 मार्च से होना था लेकिन कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इस अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अक्टूबर-नवम्बर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्वकप को स्थगित करने के बाद आईपीएल को इस विंडो में यूएई में कराने का फैसला किया गया। हालांकि बोर्ड को इसके लिए अभी सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
रविवार को इस सिलसिले में आईपीएल संचालन समिति की बैठक होनी है जिसमें टूर्नामेंट में हर टीम में खिलाड़ियों की संख्या सीमित रखने तथा यूएई में आईपीएल के आयोजन पर चर्चा होगी। आमतौर पर एक आईपीएल फ्रेंचाइजी में 25-28 खिलाड़ी होते हैं और कम से कम 10-15 सहायक स्टाफ होता है। लेकिन कोरोना के कारण उपजी अभूतपूर्व परिस्थितियों में खिलाड़ियों की संख्या काम कि जा सकती है।
ऐसा माना जा रहा है कि हर टीम को यूएई पहुंचने पर खुद जैविक सुरक्षा वातावरण तैयार करना होगा। इस स्थिति में टीम को सीमित रखना पड़ सकता है। पिछली बार 2014 में जब यूएई में आईपीएल कराया गया था तब भी टीम में सीमित संख्या में खिलाड़ी रखे गए थे। आमतौर पर फ्रेंचाइजी सत्र के मध्य में कुछ खिलाड़ियों को बाहर रखते हैं जो अंतिम एकादश में शामिल होने के करीब नहीं होते हैं।
समझा जाता है कि फ्रेंचाइजी को 20 खिलाड़ियों को शामिल करने के लिए कहा जाए। इससे ड्रेसिंग रुम में कम से कम लोग होंगे। फ्रेंचाइजी को हालांकि विश्वास है कि खिलाड़ियों की संख्या से समझौता नहीं करने दिया जाएगा। फ्रेंचाइजी का मानना है कि वे मैच के दिन मैदान पर लाने वाले लोगों की संख्या को सीमित रख सकते हैं और कुछ सपोर्ट स्टाफ को होटल में ही रहने को कहा जा सकता है।
इस बीच टीमों के लिए नेट गेंदबाज और अभ्यास कराना बड़ी चुनौती होगी। सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल को देखते हुए अभ्यास के लिए जरुरी संसाधन तैयार करना आसान नहीं होगा। टीमों का कहना है कि इन्हीं कारणों से फ्रेंचाइजी को ज्यादा खिलाड़ी की जरुरत है। टीमों को यूएई में करीब दो महीने से अधिक रहना है। नेट गेंदबाज तैयार करना कई टीमों के लिए चुनौती होगी।
दुबई में आईसीसी अकादमी में करीब 40 पिचें और दो मैदान है। अबु धाबी मैदान में बड़ी अभ्यास सुविधा मौजूद है। फ्रेंचाइजी सुविधा किराए पर लेने के लिए भी तैयार हैं लेकिन इसके लिए संसाधन भी होने चाहिए। नेट गेंदबाज और संसाधन लेने के लिए एसओपी होना चाहिए।
आईपीएल के आयोजन से जुड़ा मुख्य सवाल क्वारंटाइन, जांच और आइसोलेशन प्रोटोकॉल को लेकर है। सभी फ्रेंचाइजी की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर टीम को कोई सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया तो आगे क्या होगा। फ्रेंचाइजी यह भी जानना चाहते हैं कि अगर किसी सदस्य ने जैव सुरक्षित वातावरण में रहने के नियम का उल्लंघन किया तो फिर क्या किया जाएगा।
टीमें जानना चाहती हैं कि यूएई में आईपीएल के दौरान टीम के सदस्यों को कितनी बार और किस समय पर कोविड-19 की जांच करानी होगी। जैव सुरक्षित वातावरण को लेकर भी सवाल है कि टीम को टूर्नामेंट के दौरान तीन शहरों दुबई, अबु धाबी और शारजाह का दौरा करना पड़ेगा और उस दौरान जैव सुरक्षित वातावरण के लिए क्या स्थिति रहेगी।
टीमों की चिंता होटल को लेकर भी है कि यूएई में टीम को कहीं वैसे होटल में न ठहरना पड़ जाए जहां पर्यटक और यात्री भी ठहरे हुए हों। यूएई में आईपीएल के दौरान सभी टीम को करीब 80 दिनों तक रूकना होगा और इतने लंबे समय तक उनके सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना बड़ी जिम्मेदारी होगी।
कुछ टीमों ने संचालन परिषद को यह बता दिया है कि वे टीम को लेकर 20 या 21 अगस्त तक यूएई पहुंच जाना चाहते हैं ताकि खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए कम से कम तीन सप्ताह का समय मिल सके। कोरोना वायरस के कारण अधिकतर खिलाड़ियों ने कुछ महीनों से प्रशिक्षण नहीं लिया है और मैदान पर उतरे नहीं हैं।
चेन्नई सुपरकिंग्स यूएई में अपने शिविर को 10 अगस्त से लगाना चाहती है जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) 19 से 20 अगस्त तक शिविर शुरु करना चाहती है। इसके अलावा अन्य टीमें 25 अगस्त तक यूएई पहुंच सकती है। सीएसके अन्य टीमों के मुकाबले जल्द शिविर शुरु करना चाहती है। उन्होंने खिलाड़ियों से 10 अगस्त को जाने के लिए तैयार रहने कहा है। लेकिन बीसीसीआई की ओर से एसओपी जारी होने में विलंब के कारण इसमें देरी हो सकती है।
कुछ फ्रेंचाइजी ने पहले से ही अपनी-अपनी टीम के लिए होटल चुन लिए हैं और अब वे आगे के प्रबंध के लिए संचालन परिषद के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। आईपीएल अधिकारियों की मंजूरी मिलते ही फ्रैंचाइजी होटल से संबंधित प्रबंध पूरे करेंगे।
विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता भी टीमों की एक बड़ी चिंता है। इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच की वनडे सीरीज सितंबर के दूसरे सप्ताह तक चलने की संभावना है और आईपीएल 19 सितंबर से शुरू हो रहा है। ऐसी स्थिति में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को आईपीएल के पहले कुछ मैचों में अनुपस्थित रहना पड़ सकता है, जैसा कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेविड वार्नर ने भी इस सप्ताह ऐसी आशंका जाहिर की है।
आईपीएल की सभी आठ टीम के लिए केवल तीन स्थान निर्धारित हैं और फ्रैंचाइजी अपनी-अपनी टीम के प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर स्पष्ट योजना चाहते हैं क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण एक ही स्थान पर एक साथ सभी टीम को प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी जाएगी।