मुंबई। लेग स्पिनर युज़वेंद्र चहल द्वारा ख़ुद के ऊपर हुए शारीरिक उत्पीड़न के खुलासे पर क्रिकेटिंग जगत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत के पूर्व कोच और वर्तमान में कमेंटेटर रवि शास्त्री ने कहा है कि ऐसे कार्यों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और ऐसा करने वालों पर तुरंत आजीवन प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
शास्त्री ने क्रिकइंफ़ो हिंदी के विशेष कार्यक्रम टी20 टाइमआउट के दौरान कहा कि यह हंसने वाली बात नहीं है। अगर कोई व्यक्ति होश में नहीं है तो उसे सार्वजनिक जगहों पर जाना ही नहीं चाहिए। यह चिंता की बात है क्योंकि उस वक़्त किसी की ज़िंदगी जोखिम में थी। कुछ लोग इसे मज़ाक के तौर पर देख सकते हैं, लेकिन मेरे लिए यह मज़ाक नहीं है। एक छोटी से भी ग़लती से किसी की जान जा सकती थी और इसे नहीं स्वीकारा जा सकता। क्रिकेटिंग सर्किल में मैं ऐसी भयानक बात पहली बार सुन रहा हूं और इसे बिल्कुल भी मज़ाक में नहीं लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों को बोर्ड और फ़्रैंचाइज़ी को भी तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए और ऐसा करने वालों पर तुरंत आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए, ताकि वे क्रिकेट के मैदान पर कभी वापस नहीं आ सकें। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को तुरंत सुधार गृह (रिहैब सेंटर) में भी भेजा जाना चाहिए। उन्होंने चहल की भी तारीफ़ करते हुए कहा कि वह इसे बताने के लिए आगे आए। हालांकि उन्होंने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के साथ ऐसा होता है तो उन्हें तुरंत आगे आना चाहिए और ज़िम्मेदार लोगों को बताना चाहिए ताकि तुरंत कार्यवाही हो सके।
गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान रॉयल्स के एक वीडियो कार्यक्रम में चहल ने खुलासा किया है कि 2013 आईपीएल के दौरान उन्हें शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। इस दौरान वह मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि मुंबई इंडियंस के उनके एक साथी खिलाड़ी ने शराब के नशे में 15वें माले की बालकनी से नीचे लटका दिया था। इसके बाद चहल बेहोश भी हो गए थे।
पूर्व स्पिनर पीयूष चावला ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह मज़ाक नहीं है, यह उससे आगे की बात है। ज़रा सी भी ग़लती से इसमें किसी की जान जा सकती थी। आप कोई वहां स्टंट नहीं कर रहे थे कि आप विशेषज्ञों की निगरानी में पूरे नियंत्रण में हैं और किसी को बालकनी से उल्टा लटका दिया। सच्चाई तो यह है कि वह खिलाड़ी शराब भी पिया हुआ था, जो कि अपने आप में ख़तरनाक बात है। आप मस्ती में ऐसा नहीं कर सकते। इसे मस्ती-मज़ाक कहा भी नहीं जा सकता। मस्ती-मज़ाक की अपनी एक सीमा होती है।
पीयूष ने भी कहा कि यह अच्छी बात है कि चहल ने लगभग 10 साल बाद ही सही लेकिन इसका खुलासा किया है और यह काफ़ी हिम्मत की बात है। इस साल की शुरुआत में भी चहल ने एक ऐसी ही शारीरिक शोषण की घटना को साझा किया था।
अपनी पुरानी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु द्वारा जारी किए गए पॉडकास्ट में चहल ने 2011 में हुई उस घटना को याद करते हुए बताया था कि मुंबई इंडियंस के उनके साथी खिलाड़ी जेम्स फ़्रैंक्लिन और ऐंड्रयू साइमंड्स उनके हाथ-पैर बांधकर, मुंह पर पट्टी लगाकर उन्हें एक कमरे में रात भर के लिए छोड़कर चले गए थे। सुबह कमरे का सफ़ाई वाला आया और फिर उन्होंने चहल को खोला।