नई दिल्ली। दुनिया की सबसे चर्चित ट्वंटी 20 क्रिकेट लीग आईपीएल गाहे बगाहे भ्रष्टाचार को लेकर भी सुर्खियों में छाई रहती है और इस बार नया मामला आईपीएल में खिलाड़ियों के चयन के बदले रिश्वत लेने का है।
आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला के निजी स्टॉफ के कथिततौर पर ट्वंटी 20 लीग में रिश्वत लेकर खिलाड़ियों के चयन कराने का मामले सामने आया है जिसे लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने जांच का भरोसा भी दिया है।
एक हिंदी समाचार चैनल पर स्टिंग अॉपरेशन में यह दावा किया गया है कि इंडियन प्रीमियर लीग के चेयरमैन शुक्ला का निजी स्टॉफ आईपीएल में खिलाड़ियों के चयन के बदले रिश्वत लेता है।
इस स्टिंग में शुक्ला के कार्यकारी सहायक अकरम सैफी और क्रिकेटर राहुल शर्मा के बीच बातचीत को दिखाया गया है जिसमें सैफी ने राज्य की टीम में राहुल का चयन कराने के बदले रिश्वत की बात की है।
राजीव शुक्ला पिछले लंबे समय से बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी हैं और दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट लीग आईपीएल के भी चेयरमैन हैं। वह साथ ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के भी सचिव हैं। ऐसे में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधक शाखा (एसीयू) ने इस मामले में जांच की बात कही है लेकिन आईपीएल में भ्रष्टाचार के इस नए मामले ने लीग की ईमानदारी पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।
स्टिंग अॉपरेशन में दिखाए गए क्रिकेटर राहुल ने भारत या फिर किसी राज्य की टीम की ओर से कभी नहीं खेला है। लेकिन राहुल ने आरोप लगाया है कि सैफी ने उनसे राज्य की टीम चयन के लिये रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने साथ ही सैफी पर झूठे उम्र का प्रमाणपत्र तैयार करने का भी आरोप लगाया है। लेकिन सैफी ने इन आरोपों से इंकार किया है।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ ने भी इन आरोपों से इंकार किया है और बताया कि राहुल ने कभी भी राज्य की टीम की ओर से नहीं खेला है। इस बीच उत्तर प्रदेश टीम के कप्तान मोहम्मद कैफ ने ट्वीट कर कहा कि वह इन आरोपों से काफी स्तब्ध हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए।
कैफ ने कहा कि मैं इस भ्रष्टाचार के आरोपों को सुनकर हैरान हूं। युवा खिलाड़ी इस तरह से भ्रष्टाचारी लोगों से त्रस्त रहते हैं। शुकला जी आपको इस मामले में पारदर्शी तरीके से जांच करानी चाहिए।