नयी दिल्ली दुनिया की बहुचर्चित ट्वंटी 20 इंडियन प्रीमियर लीग देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बावजूद अपनी लोकप्रियता के चरम पर है अौर गत वर्ष की तुलना में मौजूदा वर्ष 2019 में उसकी ब्रांड वैल्यू सात फीसदी बढ़कर 47,500 करोड़ रूपये पहुंच गयी है।
वैश्विक सलाहकार कंपनी डफ एंड फेल्प्स की आईपीएल की ब्रांड वैल्यूएशन को लेकर गुरूवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018 में जहां भारत में खेली जाने वाली ट्वंटी 20 लीग की ब्रांड कीमत 41,800 करोड़ रूपये थी वहीं वह वर्ष 2019 में 47,500 करोड़ रूपये पहुंच गयी। यह बढ़ोतरी तब दर्ज की गयी है जब देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर है।
आईपीएल की फ्रेंचाइजियों को भी इस वृद्धि का फायदा मिला है और उसकी सबसे सफल टीम तथा मौजूदा सत्र में चैंपियन बनी नीता अंबानी के मालिकाना हक वाली मुंबई इंडियन्स ने इसका सबसे अधिक फायदा उठाया है जिसकी ब्रांड वैल्यू में 8.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई है जो 809 करोड़ रूपये है।
वहीं कोलकाता नाइटराइडर्स और लीग की फिसड्डी टीम विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की ब्रांड वैल्यू 8-8 फीसदी बढ़ी है जो 630 करोड़ रूपये और क्रमश: 595 करोड़ रूपये है। हालांकि अन्य टीमों मुुंबई, चेन्नई और अपने प्रदर्शन से चौंकाने वाली दिल्ली कैपिटल्स की तुलना में यह कम है।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई की ब्रांड वैल्यू 13.1 फीसदी बढ़ी है जिससे यह 732 करोड़ रूपये पहुंच गयी है। दो वर्ष के निलंबन के कारण हालांकि चेन्नई की ब्रांड वैल्यू में कुछ कमी आयी थी लेकिन इस सत्र में वापसी कर रही चेन्नई ने काफी जल्दी ट्रैक पर वापसी कर ली है।
आईपीएल की सबसे युवा टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने भी बढ़ोतरी दर्ज की है जबकि दिल्ली कैपिटल्स के नये नाम से उतरी दिल्ली फ्रेंचाइजी की ब्रांड वैल्यू में नौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इस वर्ष आईपीएल के विज्ञापनों में 20 फीसदी वृद्धि हुई है जिसने हाल ही में पेटीएम को अपना टाइटल प्रायोजक बनाया है। लीग के ओवरऑल वैल्यू में करीब 13.5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।