सहारनपुर। उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा मंगलवार को सहारनपुर के थाना जनकपुरी क्षेत्र के जनता रोड़ स्थित गांव सिंभालका जुनारदार से गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिक इकबाल और उसके भाई फारूक की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह तथ्य भी सामने आया है कि इकबाल की पत्नी रूबी भी बांग्लादेशी नागरिक है।
यह बात रूबी ने थाना जनकपुरी पुलिस निरीक्षक अभिषेक सिरोही को खुद ही बताई है। अभिषेक सिरोही का कहना है कि पुलिस रूबी की भी शीघ्र गिरफ्तारी कर सकती है।
एटीएस द्वारा दोनों भाईयों की गिरफ्तारी के दौरान यह तथ्य छिपाया गया था कि रूबी बांग्लादेशी नागरिक है। इकबाल ने एटीएस टीम को बताया था कि उसकी पत्नी रूबी सहारनपुर की रहने वाली है। संभवतः इसी वजह से उसकी तब गिरफ्तारी नहीं की गई थी। जांच में जो दूसरी बात सामने आई है वह यह है कि दोनों भाईयों ने अपने मूल निवास प्रमाण पत्रए चालक पहचान पत्र,पेन कार्ड,वोटर आईडी कार्ड,पासपोर्ट,डेबिट कार्ड,जाति और आय प्रमाण पत्र कमेला कालोनी के पते पर बनवाए थे। जबकि उनकी गिरफ्तारी जनता रोड़ स्थित सिंभालकी जुनारदार से हुई है।
दूसरी जानकारी यह भी सामने आई है कि ये दोनों भाई सहारनपुर नगर निगम के कमेले में नौकरी करते थे। यह तथ्य भी सामने आए थे कि वे दोनों बसपा सांसद फजलुर्रहमान कुरैशी की मीट फैक्टरी में नौकरी करते थे। यह बात खुद इकबाल की पत्नी रूबी ने कही थी।
हिंदू जागरण मंच भाजपा के पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है कि क्या गिरफ्तार किए गए दोनों बांग्लादेशी नागरिक सांसद फजलुर्रहमान की फैक्टरी मे नौकरी करते थे। जागरण मंच के नेताओं प्रदेश संगठन मंत्री गोपाल,प्रदेश अध्यक्ष विकास त्यागी,उपाध्यक्ष लवकुश आदि ने मांग की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन लोगों पर भी कार्रवाई कराएं जिन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों को संरक्षण दिया और उनके सरकारी कागजात बनाने में सहयोग किया।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने स्वीकार किया कि यह मामला अत्यंत ही गंभीर है और वह इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएंगे कि किन लोगों ने किस मकसद से सहारनपुर में इन दोनों बांग्लादेशी नागरिकों की मदद की है।