अंकारा। ईरान ने कहा कि वर्ष 2015 में छह महाशक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते में बदलाव करने की अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मांग उसे स्वीकार नहीं है।
ट्रम्प ने वर्ष 2015 में परमाणु समझौते के हस्ताक्षरकर्ता देशों को समझौते की खामियों को ठीक करने के लिए 12 मई का समय सीमा दी है अन्यथा वह ईरान को प्रदान की जाने वाली पाबंदियों की राहत को रोक देगा।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने यूट्यूब पर जारी अपने वीडियो संदेश में कहा कि ईरान वर्षों पहले हुए समझौता जिसे लागू भी कर दिया गया है, उसमें किसी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि एक बार जो समझौता हो चुका है, हम उसमें किसी तरह के बदलाव के लिए राजी नहीं हैं।
उन्होंने ट्रम्प की पिछली जिन्दगी का उदाहरण पेश करते हुए तंज कसा कि हम इसे रियल एस्टेट की भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपने एक नया घर खरीदा और उसमें रहने लगे अथवा उसे बहुमंजिली इमारत बनाने के लिए तोड़ते हैं तो आप दो साल पीछे की कीमत से उसकी तुलना नहीं कर सकते।
जारिफ ने कहा कि अमरीका समझौते का लगातार उल्लंघन करता रहा है। वह समझौते में शामिल अन्य देशों को ईरान के साथ व्यापार से बचने के लिए उनको धौंस दिखाता रहा है।