नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने देश के बीमा बाजार में कारोबार की आसानी के लिए नियमों में कई संशोधन की शुक्रवार को घोषणा की।
विनियामक इरडाई ने बीमा बाजार में कॉर्पोरेट एजेंटों और बीमा विपणन फर्मों के लिए गठजोड़ की अधिकतम स्वीकृत संख्या बढ़ा दी है संख्या में वृद्धि की है जिससे अब कॉरपोरेट एजेंट अब नौ बीमा कंपनियों के उत्पाद का वितरण कर सकते हैं।
इरडाई के नए निर्णयों से पॉलिसीधारकों को अब विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से व्यापक विकल्प और बीमा योजनाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।
इरडाई द्वारा शुक्रवार को उसके मुख्यालय हैदाराबाद में बैठक के बाद जारी घोषणा में कहा गया है कि पॉलिसीधारकों/संभावनाओं को विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से बीमा पालिसी के अधिक विस्तृत विकल्प और उन तक पहुंचने में सक्षम बनाने और आखिरी व्यक्ति तक बीमा की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए, कॉर्पोरेट एजेंटों (सीए) और बीमा विपणन फर्मों (आईएमएफ) के लिए अधिकतम टाई-अप की संख्या में वृद्धि की गई है।
इस निर्णय के अनुसार अब कोई सीए अधिकतम नौ बीमाकर्ताओं के पालिसी वितरण का करार कर सकता है। पहले यह छूट तीन बीमाकर्ता तक सीमित थी। इसी तरह ईएमएफ अपने बीमा उत्पादों के वितरण के लिए जीवन, सामान्य और स्वास्थ्य के प्रत्येक व्यवसाय में 6 बीमाकर्ताओं (पहले 2 बीमाकर्ता) के साथ गठजोड़ कर सकता है। आईएमएफ के संचालन के क्षेत्र का विस्तार पूरे राज्य को कवर करने के लिए भी किया गया है जिसमें वे पंजीकृत हैं।
विनियामक ने भारतीय बीमा कंपनियों के पंजीकरण से संबंधित नियमों को भी आसान बनाया है। इसका उद्येश्य देश में बीमा कारोबार में आसानी को बढ़ावा देना और भारत में बीमा कंपनी स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
आईआरडीएआई के आज के फैसले पर ईसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी लिमिटेड के प्रबंधनिदेशक भार्गव दासगुप्ता ने कहा कि ये पथ-प्रवर्तक सुधार हैं जो कारोबार सुगमता बढ़ाएंगे, वितरण मॉडल को मुक्त करेंगे, ग्राहक केंद्रित नवाचारों को प्रोत्साहित करेंगे और निवेश के लिए क्षेत्र को आकर्षक बनाएंगे।
नियामक ने एक ही झटके में उद्योग के कई लंबित मुद्दों का समाधान निकालने की कोशिश की है। सभी के लिए बीमा सुनिश्चित करने के लिए नियामक की दृष्टि वास्तव में प्रेरणादायक है और ये सुधार उस उद्देश्य को प्राप्त करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।