जयपुर। राजस्थान उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि कोटा विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में अनियमितताओं की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो स्तर पर जारी है तथा इसमें दोषी पाए जाने वाले लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
माहेश्वरी ने शून्यकाल में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय में नियुक्त डिप्टी रजिस्ट्रार तथा परीक्षा नियंत्रक को जांच चलने तक निलम्बित करने अथवा हटाने के लिए कुलाधिपति को अनुरोध करने का भी आश्वासन दिया।
उन्होंने बताया कि कोटा विश्वविद्यालय में 2012 से 2014 के बीच हुई शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्तियों में अनियमितताओं की जानकारी सामने आने पर राज्य सरकार द्वारा समिति गठित कर जांच कराई गई।
समिति द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति विश्वविद्यालय को प्रेषित कर तथ्यात्मक स्थिति चाही गई थी, जो विश्वविद्यालय द्वारा राज्य सरकार को गत वर्ष 23 जनवरी को प्रेषित कर दी गई।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रेषित तथ्यात्मक टिप्पणी तथा उक्त जांच समिति की रिपोर्ट के परीक्षण किए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभागीय परीक्षण समिति का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन में आरक्षण के पदों को स्पष्ट रूप से अंकित नहीं किया गया।
विज्ञापन जारी करते समय यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया कि कितने पद किस वर्ग के लिये आरक्षित है एवं रोस्टर रजिस्टर के आधार पर पदों के आरक्षण की स्थिति का निर्धारण करते हुए तदनुसार आरक्षण भी विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया गया।
माहेश्वरी ने बताया कि विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक स्टाफ के चयन के लिए अधिनियम, 1974 के सेक्शन 10 में आरक्षण के प्रावधान का वर्णन किया गया है, जो विश्वविद्यालय के स्पष्टीकरण में उल्लेखित नहीं है। इसके अतिरिक्त वरीयता सूची में मेरिट का आधार भी अंकित नहीं था।