अजमेर। राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासूदेव देवनानी ने अजमेर स्मार्ट सिटी योजना के कामों में अनियमितता के चलते भ्रष्टाचार के मामले में राज्य के बाहर की किसी स्वतंत्र एजेंसी से सम्पूर्ण कार्यों के निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अजमेर विधायक देवनानी ने अपने आवास पर आज मीडिया को दिए साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब अजमेर को स्मार्ट सिटी में लिया तब आकांक्षा, अपेक्षा और कल्पना ही कुछ और थी। हमें उम्मीद थी इसके जरिये अजमेर की जन भावनाओं के अनुरूप मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति होगी लेकिन आज अधिकारी जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर योजना को मूल भावना से भटका ले गए है।
मिलीभगत से घटिया निर्माण हो रहे है। अग्रेसन सर्किल पर बने ओपनथियेटर का प्लास्टर उखाड़ना और दरारे आना दुर्भाग्यपूर्ण है, इसकी जांच होनी चाहिए। देवनानी ने यहां के अधिकारियों को भी आनासागर के प्रति असंवेदनशील बताते हुए कहा कि भूमाफियों के साथ पैक्ट कर भराव क्षमता कम की जा रही है।
16 फीट पानी को 13 तक लाया गया है और अब निकासी कर और भी कम किया जा रहा है। आनासागर पाथवे निर्माण पर उन्होंने कहा कि अहमदाबाद एवं उदयपुर की तर्ज पर मेरी ही कल्पना थी कि यहां पाथवे बने।
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी से पहले ही रीजनल कालेज के सामने उन्होंने नई चौपाटी के रुप में इसे विकसित भी कराया लेकिन आज 67 एकड़ के आनासागर को 37 एकड़ तक सीमित कर दिया गया जबकि आनासागर अजमेर की आत्मा है।
उन्होंने कहा कि इंजीनियर ही इंजीनियर के कामों की जांच करेंगे और वो एक दूसरे को बचाएंगे। चूंकि स्मार्ट सिटी का पैसा केन्द्र सरकार का है इसलिए प्रदेश के बाहर की जांच एजेंसी से सभी कामों की जांच हो।