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Is bootlegers from Dungarpur and Vadodara establishes nexus in Sirohi - Sabguru News
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डूंगरपुर और बडोदरा के शराब तस्करों का सिरोही में जमावड़ा, पुलिस कितनी जवाबदेह!

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डूंगरपुर और बडोदरा के शराब तस्करों का सिरोही में जमावड़ा, पुलिस कितनी जवाबदेह!
सिरोही जिले के भारजा में गुजरात में तस्करी के लिए लोड हुई अवैध शराब।
सिरोही जिले के भारजा में पकड़ा गया अवैध शराब का जखीरा।
सिरोही जिले के भारजा में पकड़ा गया अवैध शराब का जखीरा। file

सबगुरु न्यूज-सिरोही। शराबबंदी वाले राज्य की गुजरात में तस्करी के लिए सिरोही जिले को अपना डंपिंग स्टेशन और स्मगलिंग पिकेट बनाने के लिए बाहरी जिलों के शराब तस्कर जिले में जमावड़ा लगाए हुए हैं।

सूत्रों के अनुसार डूंगरपुर से शराब सप्लाई करने वाले, बड़ोद का बोटलियर और गुजरात और राजस्थान में शराब तस्करी के नेटवर्क को सेट करने वाले तीन लोग फिलहाल सिरोही जिले में ही जमावड़ा लगाए हुए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं जिस तरह नगर परिषद के अधिशासी अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ ठेकेदार भी उन जगहों पर जाते हैं उसी तरह तस्करों के लिए मुफीद अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ शराब तस्कर भी उन्हीं जिलों में तो नहीं जाने लगे हैं।
-55 लाख के लेनदेन में कितनी सच्चाई?
मीडिया रिपोर्ट में भारजा में आबकारी विभाग के बाहर से आए दल की रेड के बाद यह सामने आया है कि सिरोही में शराब तस्करी में जिले के उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारी की मिलीभगत है। ये कौन पुलिस अधिकारी है? किस तरह से डूंगरपुर के शराब तस्कर यहां एकाएक दिखने लगे? किस तरह से इनको पुलिस का सहयोग मिल रहा है? ये भी जांच का हिस्सा बनाया हुआ है।
सबगुरु न्यूज ने भारजा और सरूपगंज के शराब की खेप पकडाने के बाद इस मामले की तह में जाकर शराब तस्करी के मामले में पंद्रह साल पहले वाले नेक्सस को टटोला तो जो जानकारी बाहर आई वो भी चौंकाने वाली है। सूत्रो के अनुसार सिरोही में शराब तस्करी का अड्डा जमाने के लिए पचास और पांच लाख रुपये खर्च की बात भी सामने आई है। ये सब डंपिंग यार्ड के किराए में जाते थे, या नेटवर्क सेट करने में या सरकारी अमले में यह जांच का विषय है। लेकिन, इतनी न्यूनतम राशि तो जिले में खर्च होती ही थी।
-उस रात मावल में क्या कर रहे थे पुलिस अधिकारी?
जिस सुबह राज्य के अलग अलग इलाकों से आई राजस्थान एक्साइज के दलों ने रेड की थी उसी रात को जिला पुलिस के अधिकारी मावल बॉर्डर पर क्या कर रहे थे? सूत्रों के अनुसार जिला पुलिस के अधिकारी वहां थे। तो क्या इन लोगों को आबकारी विभाग के दल के जिले में आने की भनक पहले ही लग गई थी? या फिर वहां कुछ और करने के लिए गए थे? या फिर उन्हें शराब की तस्करी की भनक थी और वो उसे पकडऩे गए थे? या फिर ‘लाइनÓ क्लीयरेंस के लिए गए थे?
-पकड़ाए गए लोग मजदूर?
आबकारी विभाग के पीओ करणीसिंह ने सबगुरु न्यूज के बताया कि भारजा वाली रेड में जो लोग आबकारी दस्ते के हाथ लगे थे वो प्रारम्भिक जांच में खुदको मजदूर बता रहे हैं। यह सब उदयपुर के हैं। उन्होंने बताया कि जो गाडिय़ां वहां पर बरामद हुई हैं उनके ड्राइवर कितने हैं? या वो गाडिय़ां किनकी है इसकी जानकारी आरटीओ विभाग के माध्यम से लगाई जाएगी।
-उदयपुर के मजदूरो की मौजदूगी का मतलब क्या?
भारजा में जो लोग डंपिग स्थल से शराब की खेप के साथ गिरफ्तार किए गए थे वो उदयपुर के थे। जिन शराब तस्करों के सिरोही में होने की जानकारी सामने आ रही है वो डूंगरपुर में अपनी जड़ेें जमाए थे। ऐसे में सिरोही में काम कर रहे शराब तस्करों के पूरे नेक्सस का डूंगरपुर कनेक्शन स्पष्ट दिख रहा है। ऐसे में इन्हें सिरोही से तस्करी करने के लिए उकसाने या फिर यहां पर तस्करी का मुफीद माहौल देने वाले की जानकारी आबकारी विभाग निकलवा ले तो इस पूरे नेक्सस का भंडफोड़ हो सकता है।