सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शुक्रवार को जालोर-सिरोही के दौरे को राजनीतिक गलियारों में सामान्य तरीके से नहीं देखा जा रहा है। भाजपा की हाल ही में प्रदेश संगठन मंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक में उठी चर्चा भी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि गहलोत का यह दौरान सामान्य नहीं है।
दरअसल, इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पुत्र वैभव गहलोत को सक्रिय राजनीति में लाॅन्च कर सकते हैं। ऐसे कयास लम्बे अर्से से चल रहे हैं, ऐसे में जालोर-सिरोही सीट को गहलोत के पुत्र की लाॅन्चिंग के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है। लोकसभा चुनावों के पहले एक ही दिन में दो जिलों के दौरे को इसी नजर से देखा जा रहा है।
सांचौर में महत्वाकांक्षी किसान ऋण वितरण करना भी गले नहीं उतरा
लोगों को मुख्यमंत्री द्वारा जालोर जिले के सांचौर को बिना किसी ठोस वजह के उनकी महत्वपूर्ण किसान ऋण माफी योजना के लिए चुना जाना गले नहीं उतर रहा है। इसके लिए जालोर लोकसभा में सांचौर का महत्व समझना बेहद जरूरी है। जालोर लोकसभा क्षेत्र में जालोर की पांच और सिरोही जिले की तीन लोकसभा सीटें हैं।
इस लोकसभा सीट के लिए यह माना जाता है कि सांचौर जीता तो लोकसभा जीती। बूटासिंह हों या वर्तमान सांसद देवजी पटेल, सभी ने सांचौर से बड़ी जीत दर्ज करके इस लोकसभा सीट को अपनी झोली में डाला। ऐसे में यह माना जा रहा है कि वैभव गहलोत की लाॅन्चिंग की स्थिति में जीत की निश्चितता के लिए सांचौर को साधने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां पर कृषि ऋण माफी योजना के लिए चुना।
भाजपा बैठक में भी इस पर चिंतन
हाल ही में प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर मिश्र सिरोही आए थे। इस दौरान बैठक ली गई। बैठक में भाजपा से जालोर लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशियों ने भी अपने आवेदन प्रस्तुत किए। सूत्रों के अनुसार इस दौरान भी वरिष्ठ भाजपाइयों ने मिश्र को भाजपा के प्रत्याशी का चयन वैभव गहलोत को ध्यान में रखकर करने की बात उनके कान में डाल दी थी।
भाजपा के नीतिनियंताओं की यह चिंता जायज भी है क्योंकि यदि वैभव गहलोत सिरोही के उतरते हैं तो संभवतः भाजपा के माली समाज के कोर वोटर उस ओर षिफ्ट हो जाएं। इसकी आशंका को ध्यान में रखकर वरिष्ठ भाजपाइयों ने अपनी चर्चा में इस बिंदु को भी नजरअंदाज नहीं किया।