अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में दो आरोपी पुलिस अधिकारियों डी जी वंजारा और एन के अमीन की आरोपमुक्ति अर्जियों पर फैसला आगामी सात अगस्त तक के लिए टाल दिया।
विशेष जज जे के पंडया ने गत 18 जुलाई को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और आज उनके फैसला सुनाने की उम्मीद थी पर उन्होंने इसे सात अगस्त तक के लिए टाल दिया। दोनो पूर्व पुलिस अधिकारियों ने इस प्रकरण में पहले आरोपमुक्त किए गए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पीपी पांडेय के मामले का हवाला भी दिया है।
उन्होंने 15 जून 2004 को यहां अपने पुरूष मित्र जावेद शेख उर्फ प्रणयेश पिल्लै तथा दो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ मारी गई मुंबई की तत्कालीन 18 वर्षीय छात्रा इशरत जहां को लश्करे तैयबा का आतंकी बताते हुए इस विवादास्पद मुठभेड़ को असली बताया है और इस मामले में उन्हें तत्कालीन सरकार के इशारे पर फंसाने की बात कही है। दूसरी ओर सीबीआई और इशरत की मां कौशर जहां ने उनकी अर्जियों का विरोध किया है।