बलरामपुर। आतंकवादी विरोधी सेल के हत्थे चढा उत्तर प्रदेश के बलरामपुर का आतंकी अबु युसूफ उर्फ मुस्तकीम के काले कारनामो का राजफाश होने के बाद परिवार की प्रतिष्ठा गिरी है जिसे लेकर अबु उसका पिता घटना के बाद से अवसादग्रस्त हो गया है।
पारिवारिक सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि उतरौला कोतवाली क्षेत्र के बढया भैसाही गांव में अबु युसूफ की सातवीं पीढी रह रही है। उसके पूर्वजों ने इस गांव को आबाद किया था। गांव के आस पास के इलाको में उसके परिवार को सम्मान की नजरों से देखा जाता था। उसके दरवाजे पर पुलिस या किसी अधिकारी ने दस्तक नहीं दी थी। लेकिन बेटे की गलत हरकतों के चलते परिवार की प्रतिष्ठा गिरी है।
जांच पडताल के समय अधिकारियों ने परिवार के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया है। आतंकी के छोटे भाई आकिब ने कहा कि भाई के कारनामों से जो जख्म परिवार को मिला है, उसकी भरपाई आसान नहीं है। आकिब ने इलाहाबाद मे रह कर हेल्थ सेफ्टी एंड इनवायरमेंट (डीएचएसई)की पढाई की है। वह बैंगलोर की एक प्राइवेट कम्पनी ओसियन लाइफ स्पेस मे नौकरी करता है।
आकिब को अब अपने भविष्य की चिंता ज्याद सताने लगी है। भाई की हरकतों को जानकर कौन उसे नौकरी पर रखेगा। उसकी करतूतों से परिवार की धूमिल प्रतिष्ठा और उसके मासूम बच्चों व पत्नी के भविष्य को लेकर पिता मोहम्मद कफील खान घटना के बाद से अवसादग्रस्त हो गए हैं।
घटना के दो दिन बाद उनके पिता कफील घरेलू सामान की खरीदारी के लिए पास के बाजार मे गए थे। उस वक्त लोगों ने उनके पिता को संदेह की नजरों से देख रहे थे। जिसका गहरा असर उनके पिता के मन मस्तिष्क पर हुआ है। वह बीमार हों गए हैं।
गांव में आने वाले गाडी की आवाज सुनकर कफील का दिल दहल उठता है। लोग उसके परिवार पर तंज न कसे इसके लिए कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा है। दिल्ली से आई एटीएस और पुलिस की टीम ने उनके परिवार के साथ सम्मान का व्यवहार किया है। उन्हें परेशानी सिर्फ मीडिया कर्मियों से उठानी पड़ी है।
अपराध की सजा उसके भाई को मिलनी चाहिए, लेकिन चार मासूम बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर उसके भाई को सुधरने का एक मौका मिलना चाहिए। आतंकी की पत्नी आयशा ने कहा कि वह ब्याह कर इस घर में आई है और मरकर ही उसकी अर्थी इस घर से निकलेगी।