इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक ईसीपी खैबर पख्तूनख्वा में स्थानीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए चल रहे अभियान के दौरान कथित तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन करने पर खान के खिलाफ कार्रवाई करने वाला था।
न्यायमूर्ति आमेर फारूक ने अपनी टिप्पणियों में कहा कि चुनावी निकाय कानून के उल्लंघन पर प्रधानमंत्री को नोटिस जारी कर सकता है, लेकिन जुर्माना या उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित नहीं कर सकता।
ईसीपी ने इससे पहले 31 मार्च को इमरान खान, गवर्नर शाह फरमान, मुख्यमंत्री महमूद खान, संघीय मंत्री शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और मुराद सईद और अन्य को चुनाव से पहले प्रचार नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया था।
ईसीपी से नोटिस मिलने के बाद, खान और योजना मंत्री असद उमर ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर की , जिसमें दावा किया गया था कि पिछले महीने राष्ट्रपति के अध्यादेश ने देश में चुनाव कानूनों में संशोधन किया था। इसके तहत सार्वजनिक कार्यालय धारक अब चुनाव अभियानों के दौरान प्रचार कर सकते हैं।
मामले में अदालत सुनवाई 6 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी और ईसीपी को तब तक के लिए खान के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया। गौरतलब है कि फरवरी में पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने चुनाव अधिनियम में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी किया था और इसमें धारा 181 (ए) जोड़ा था, जिससे चुनाव से पहलेसंसद के सदस्यों, प्रांतीय विधानसभा या स्थानीय सरकार के निर्वाचित सदस्यों को किसी भी क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्र में सार्वजनिक सभाओं में जाने या संबोधित करने की अनुमति दी गई थी।