अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ISRO और NASA की लगातार कोशिश के बावजूद भी लैंडर से सम्पर्क स्थापित नहीं हो पा रहा है। इस बीच इसरो चीफ के सिवन ने कहा कि विक्रम लैंडर से कोई संपर्क नहीं है, लेकिन ऑर्बिटर अच्छे से काम कर रहा है। अब हमारी अगली प्राथमिकता गगनयान मिशन है।
आपको जानकारी में बता दें, शनिवार से चांद पर रात शुरू हो जाएगी और इस हिस्से का तापमान घटकर माइनस 200 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। सूरज की रोशनी नहीं पहुंचने से लैंडिंग सम्पर्क करना नामुमकिन है। इससे पहले नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (LRO) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान वहां की कई तस्वीरें ली
बता दें, 7 सितंबर को ‘चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से सम्पर्क टूटने के बाद ऑर्बिटर ने ने थर्मल तस्वीर ली, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो पाया। ‘विक्रम के भीतर ही रोवर ‘प्रज्ञान बंद है जिसे चांद की सतह पर उतरना था। इस मिशन में कुल 978 करोड़ रुपये की लागत लगी।