चेन्नई। भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-24 का गुरुवार सुबह फ्रेंच गुयाना के कोरू से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एरियन रॉकेट से सफल प्रक्षेपण किया गया। भारत के 24 कू बैंड वाले इस संचार उपग्रह का वजन 4,180 किलोग्राम है।
देश में डीटीएच सुविधा को और मजबूती देने के लिए बनाए गए इस संचार उपग्रह को मलेशिया के संचार उपग्रह मीसैट-3 डी के साथ एरियन-5 5ए 275 उड़ान की मदद से वांछित कक्षाओ में स्थापित किया गया।
एरियनस्पेस एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 20 मिनट पर एरियन -5 ने भारत और मलेशिया के संचार उपग्रहों को लेकर फ्रेंच गुयाना के कौरू से अंतरिक्ष की उड़ान भरी और दोनों उपग्रहो को सफलतापूर्वक उनकी वांछित कक्षाओं में स्थापित किया।
एरियन स्पेस एजेंसी के सीईओ स्टीफन इजराइल ने कहा कि यह 15वां उपग्रह है जिसे हमारे रॉकेट से अंतरिक्ष में पहुंचाया है। हमें एशिया प्रशांत महासागर के दो बड़े देशें भारत और मलेशिया के साथ काम कर हम बेहद गौरवांवित महसूस करते हैं।
जीसैट-24 चार टन वजनी कू बैंड वाला एक स्तरीय संचार उपग्रह है जो न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा बना गया है। एनएसआईएल इसरो की व्यवसायिक शाखा है। इसकी मदद से बहुत बेहतर किस्म का टेलीविजन प्रसारण, टेलीकम्यूनिकेशन और रेडियो प्रसारण की सुविधा मुहैया कराई जाएंगी।
एनएसआईएल ने इस उपग्रह की पूरी क्षमा मेसर्स टाटा प्ले को लीज पर दी हुई है जो डीटीएच सेवाओं को प्रमुख प्रदाता है। इस उपग्रह की मदद से टाटा अपने उपभोक्ताओ को बेहतर और विश्वसनीय सुविधाएं मुहैया करा सकेगा।