नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अगले छह महीने में चंद्रयान समेत 11 प्रक्षेपणों को अंजाम देगा जिनमें नौ स्वदेशी प्रक्षेपण यानों के जरिये और शेष दो विदेशी प्रक्षेपण यानों के माध्यम से होंगे।
इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने मंगलवार को बताया कि इसरो की योजना इस साल सितंबर से अगले साल मार्च के बीच उपग्रह प्रक्षेपण से संबंधित 10 मिशनों को कार्यरूप देने की है। इसके अलावा जनवरी-फरवरी में चंद्रयान-2 मिशन को भी अंजाम दिया जाएगा। इस प्रकार कुल 11 प्रक्षेपण किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इन मिशनों से दूरसंचार, हाइपरस्पेक्टेरल इमेजनिंग और रडार इमेजिनिंग में भारत की क्षमता बेहतर हो सकेगी। इस दौरान चार जीसैट उपग्रह, एक कार्टोसैट उपग्रह और दो आरआईसैट उपग्रह छोड़े जाने हैं। सितंबर में पीएसएलवी-सी42 मिशन में नोवासार और एस1-4 उपग्रहों को छोड़ा जाएगा।
अक्टूबर में जीसैट-29 और हाइसिस उपग्रहों, नवंबर में जीसैट-7ए और जीसैट-11, दिसंबर में जीसैट-31 और ईएमआईसैट, जनवरी में चंद्रयान-2 और आरआईसैट-28, फरवरी में कार्टोसैट और नेमो एमएम तथा मार्च में आरआईसैट-2बीआर1 का प्रक्षेपण होगा। इनमें जीसैट-11 और जीसैट-31 का प्रक्षेपण विदेश से किया जाएगा।
डॉ. शिवन ने बताया कि भविष्य में छोड़े जाने वाले जीसैट-19, 11, 29 और 20 उपग्रहों से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इन उपग्रहों के काम शुरू करने के बाद 103 जीबीपीएस की इंटरनेट स्पीड मिल सकेगी।