श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने रविवार को कहा कि देश के अगली पीढ़ी के पहले छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी-डी 1) का मिशन विफल हो गया।
डॉ़ साेमनाथ ने बताया कि इस प्रक्षेपण यान की मदद से प्रक्षेपित किए गए दोनों उपग्रह ईओएस-02 तथा आजादीसैट गलत कक्षाओं में स्थापित होकर नीचे गिर गए और अब ये किसी काम के नहीं रह गए।
एसएसएलवी-डी1 शानदार ढंग से उड़ान भरने और सभी तीन चरणों में सामान्य प्रदर्शन के बाद उपग्रहों को सही कक्षाओं में स्थापित नहीं कर पाया और अब ये उपग्रह किसी काम के नहीं रह गए हैं। इस अभियान की विफलता की वजह का पता कर लिया गया है। अब इसके समाधान की दिशा में कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि उपग्रहों को अंडाकार कक्षा की जगह पृथ्वी की सतह के निकट वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया है। जब उपग्रहों को ऐसी कक्षा में स्थापित किया जाएगा, तो वे वहां लंबे समय तक नहीं रहेंगे और नीचे आ जाएंगे।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में विशेषज्ञों का एक समूह इसकी विफलता की वजहों का पता लगाएगा। मामूली सुधार करने के बाद इसरो जल्द ही एसएसएलवी-डी2 लॉन्च करेगा।