Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
विश्व गुरु बनने के लिए भारत का प्राचीन गौरव स्थापित करना जरूरी: भागवत - Sabguru News
होम Breaking विश्व गुरु बनने के लिए भारत का प्राचीन गौरव स्थापित करना जरूरी: भागवत

विश्व गुरु बनने के लिए भारत का प्राचीन गौरव स्थापित करना जरूरी: भागवत

0
विश्व गुरु बनने के लिए भारत का प्राचीन गौरव स्थापित करना जरूरी: भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक (संघ प्रमुख) मोहन भागवत ने कहा है कि भारत को विश्व गुरु बनने के लिये अपने प्राचीन गौरव को स्थापित करना आवश्यक है।

डॉ. भागवत ने मंगलवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में द्विरूपा सरस्वती पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि पूर्व में भारतीय संस्कृति के बारे में इतने प्रकार का झूठ लगातार बोला गया कि भारतीय जन भ्रमित हो गए। इन भ्रमों की श्रृंखला में एक भ्रम सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर भी फैलाया गया।

उन्होंने कहा कि दरअसल सरस्वती नदी के किनारे ही भारत की प्राचीन संसकृति का बड़ा भाग विकसित हुआ। इस नदी से हमारा अस्तित्व और इतिहास जुड़ा हुआ है इसीलिए सरस्वती नदी के अस्तिल्व को बार बार नकारने के प्रयास होते रहे हैं।

भागवत ने कहा कि नई पीढ़ी को हर चीज़ का प्रमाण चाहिए। आधुनिक शिक्षा सिखाती है कि हर बात पर प्रश्न करो। अंग्रेजों ने हमेशा कुप्रचार किया कि हमारी संस्कृति में कुछ नही था। न वैभव, न संपत्ति, न विज्ञान न संस्कृति। इस दुष्प्रचार को दूर करने के लिए पाठ्यपुस्तकों में प्रमाण सहित भारत के गौरवपूर्ण भूतकाल का सत्य सामने लाना ज़रूरी है ताकि युवा पीढ़ी को विश्वास दिलाया जा सके। प्राचीन संस्कृति और मूल्यों को याद करना होगा क्योंकि वही मूल्य आज आवश्यक है। इसके लिए पुस्तक लेखन और शोध कार्य होने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरस्वती का फिर से प्रवाहित और प्रमाणित होना ज़रूरी है। इसके लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उनके अलावा सरस्वती नदी के अस्तित्व को लेकर शोध और प्रमाणों का संरक्षण भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस अवसर पर अपने जीवन के सौ साल पूरे कर रहे विश्व प्रसिद्ध पुरातत्वविद डा. बीबी लाल का सम्मान किया गया।

इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय, सदस्य सचिव डा. सच्चिदानन्द जोशी, प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मान सिंह, संघ में सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के जनपद संपदा विभाग की ओर से प्रकाशित यह पुस्तक द्विरूपा सरस्वती विभिन्न शोधार्थियों, विद्वानों और अन्वेषकों द्वारा किए गए शोधपरक आलोखों का संकलन है।