बीकानेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीमा पर प्रहरी बन कर मजबूती से खड़े सैनिकों के साहस, देश के प्रति समर्पण और बलिदान पर प्रदेशवासियों को गर्व है।
गहलोत गुरुवार को खाजूवाला चैक पोस्ट पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ सेना प्रहरी सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सैनिकों के बलिदान से उनके परिजनों पर क्या गुजरती है, इसका राज्य सरकार को पूरा एहसास है। एक जवान के शहीद होने की पीड़ा क्या है, इसे प्रदेश की सरकार और जनता भलीभांति समझती है। इसी कारण सरकार ने शहीदों के परिजनों को मिलने वाले पैकेज में बढ़ोतरी की है।
उन्होंने कहा कि सैनिक कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं को महफूज रखते हैं और सैनिकों के इस जज्बे को वह सलाम करते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के खतरे हो या शांति के समय चौकसी का काम, जवानों के त्याग से ही हम सुरक्षित हैं और दुश्मनों को हर मोर्चे पर मात देने में सफल हुए हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के शेखावाटी, मेवाड़, मारवाड़़, भरतपुर एवं अलवर सहित सभी क्षेत्र ऐसे जहां वीरों की गाथाओं से भरे हैं। ऐसे हजारों परिवार हैं जो अपने सपूत खोने के बावजूद राष्ट्र सेवा के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं दुश्मन को जवाब देने में सक्षम हैं। सेना के त्याग, बलिदान और शौर्य का कोई मुकाबला नहीं है। जवानों की हौसला अफजाई करना हमारा कर्तव्य है। हम शहीदों के परिवारों के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा मार्ग शांति एवं सद्भाव का है, लेकिन पुलवामा हमले जैसे नापाक इरादों को कुचलने के लिए हमारे जवान हर क्षण तत्पर और सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद देश ने एकजुटता का परिचय देकर पूरी दुनिया को संदेश दिया है। यही एकजुटता भारत की खूबी है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तानी फौज के साहस का उदाहरण बांग्लादेश के रूप में सामने है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर खाजूवाला स्थित सीमा सुरक्षा बल कैम्पस में आरओ व अन्य सुविधाओं के लिए 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस अवसर पर शहीदों के सम्मान में बीकानेर में 20 लाख रुपए की लागत से शहीद स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन आवंटित कर दी गई है शीघ्र ही इसका निर्माण प्रारम्भ किया जाएगा। प्र्रहरी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने शहीदों की विधवाओं और शौर्य चक्र विजेताओं को आवंटित भूमि के खातेदारी अधिकार भी प्रदान किए।