रोम। इटली के प्रधानमंत्री ग्यूसेप कॉन्टे ने कोरोना वायरस महामारी पर गंभीर आलोचनाओं के बाद मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
कॉन्टे ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगर वह सीनेट में बहुमत खोते हैं तो बाद में राष्ट्रपति उन्हें एक मजबूत सरकार बनाने के लिए जनादेश देंगे। अगर वह (कोंटे) ऐसा करने में विफल होते हैं, तो किसी और को यह कार्य दिया जाएगा और अगर वह भी विफल हो जाता है तो नए सिरे से चुनाव होगा।
वर्ष 2018 से दो गठबंधन सरकारों का नेतृत्व करने वाले लॉ प्रोफेसर कॉन्टे ने राष्ट्रपति सर्गियो मैटेरेला से मुलाकात की, जिन्हें अब इस दिशा में कोई निर्णय लेना है। इससे पहले मंगलवार को कॉन्टे ने अपने मंत्रिमंडल के समक्ष इस बात की पुष्टि की कि वह अपने पद से इस्तीफा देंगे।
कॉन्टे ने पिछले हफ्ते निचले सदन में विश्वास मत हासिल किया। उन्होंने तब सीनेट में एक वोट से जीत हासिल हुई लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं मिल सका। बहुमत की कमी से सरकार के समक्ष खतरा हो गया है, जिसने राजनीतिक रूप से सरकार को हिला दिया है।
पूर्व प्रधानमंत्री माटेओ रेन्ज़ी ने अपनी छोटी, उदारवादी इटालिया विवा पार्टी को गठबंधन से बाहर निकालने के बाद विश्वास मत हासिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि कॉन्टे ने उनकी मांगों की सूची को स्वीकार कर लिया तो वह वापस लौट आएंगे।
रेंजी की आपत्तियां कॉन्टे की यूरोपीय संघ की रिकवरी निधियों के 209 अरब यूरो खर्च करने के संबंध में हैं जो कोरोना संकट से निपटने के लिए 750 यूरो ईयू बचाव का एक हिस्सा है। रेंजी चाहते हैं कि कॉन्टे इस राशि का निवेश डिजिटल और हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्राें में करें।
कॉन्टे का इस्तीफा इस सप्ताह होने वाले न्यायिक सुधारों को लेकर होने वाले मतदान से पूर्व आया है। उनके गठबंधन के सांसदों ने उस मतदान में उनके हारने की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित इटली में अब तक कोरोना से 85,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।