मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी ने फिल्मों में आइटम सॉन्ग के चलन की आलोचना की है। शबाना का मानना है कि महिलाओं का पुरुषों के सामने आत्मसमर्पण करने का यह एक सटीक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए आइटम सॉन्ग महिलाओं की सेंसुअलिटी का जश्न मनाने जैसा है। लेकिन मेरे लिए यह महिलाओं का पुरुषों के सामने सरेंडर करने के बराबर है।
उन्होंने कहा कि ये गाने स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं होते आइटम सॉन्ग को फिल्मों में सिर्फ दर्शकों को रिझाने के उद्देश्य से डाला जाता है। जब एक लड़की और लीडिंग लेडी कहती हैं कि मुझे आइटम सॉन्ग से दिक्कत नहीं है और सेंसुअल एक्ट से परहेज नहीं है। मुझे लगता है कि यह बहुत अदभुत है। लेकिन अपनी सेंसुअलिटी का जश्न मनाने के चक्कर में आप असल में पुरुषों के सामने सरेंडर कर रहे हो और खुद का प्रदर्शन कर रहे हो।
शबाना आजमी ने पूर्व में करीना कपूर के आइटम सॉन्ग ‘फेवीकॉल से’ पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि जब चार साल की लड़की इस गाने के अभद्र बोल पर डांस करती है, ऐसे में आप बच्चों के सेक्सुएलाइजेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। जो लोग उसे प्रोत्साहित कर रहे हैं वह खुद भी जिम्मेदार हैं।