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आदिवासियों की जेब पर भारी, आबूरोड उपखण्ड अधिकारी कार्यालय की दूरी

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आदिवासियों की जेब पर भारी, आबूरोड उपखण्ड अधिकारी कार्यालय की दूरी
Abu road sub divisional officer office in mount abu
Abu road sub divisional officer office in mount abu
Abu road sub divisional officer office in mount abu

सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान में माउण्ट आबू को छोड़कर शायद ही कोई जगह हो जहां पर उपखण्ड अधिकारी कार्यालय उपखण्ड मुख्यालय पर नहीं होकर किसी अन्य स्थान पर हो। माउण्ट आबू की यही व्यवस्था आबूरोड उपखण्ड के आदिवासियों व आबूरोड शहर के लोगों के अलावा खुद माउण्ट आबू के लोगों के लिए भी समस्या का सबब बना हुआ है।

वर्तमान में उपखण्ड अधिकारी कार्यालय और माउण्ट आबू नगर पालिका के बीच चल रही जंग इसी की एक परिणिति है। ऐसा भी प्रदेश में शायद ही कहीं होता हो कि उपखण्ड अधिकारी कार्यालय नगर पालिका के अधिकारों का अतिक्रमण करने को आतुर रहे। जिसका खामियाजा आबूरोड उपखण्ड के सामान्य लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
-आदिवासियों के लिए कोढ़ में खाज यह अंगे्रजी व्यवस्था
आबूरोड उपखण्ड टाडा-माडा क्षेत्र है। यहां आदिवासी बहुलता है। ये लोग पहले से ही आर्थिक मार झेलते हैं। ऐसे में अपने कामों के लिए माउण्ट आबू स्थित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय जाना इन पर और मार करता है। अंग्रेजो द्वारा शुरू की गई ग्रीष्मकालीन राजधानी की एक कुरीति राज्य सरकार द्वारा लगभग समाप्त ही हो चुकी है।

अब इस क्षेत्र के आदिवासियों को राहत देने के लिए माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी और डीएसपी कार्यालय को भी आबूरोड में स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता महसूस होने लगी है। आबूरोड उपखण्ड के अधिकांश गांव आबूरोड शहर के समीप हैं। माउण्ट आबू में उपखण्ड अधिकारी और पुलिस उप अधीक्षक कार्यालय होने से इन लोगों को 27 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ता है। जो उनके जेब पर ही नहीं समय पर भी भारी पड़ती है।
-पहले भी हो चुकी है मांग
आबूरोड उपखण्ड मुख्यालय के एसडीएम और डीएसपी कार्यालय के माउण्ट आबू में होने के कारण जो समस्या हो रही हैं इसको लेकर लम्बे समय से दोनों कार्यालयों को आबूरोड में शिफ्ट करने की मांग चलती आ रही है। पूर्व में माउण्ट आबू उपखण्ड कार्यालय और डीएसपी कार्यालय का विस्तार पिण्डवाड़ा तक था। इससे पिण्डवाड़ा के लोगों को भी समस्या होती थी।

लेकिन, पिछले दस सालों में सरकारों ने इस समस्या को समझते हुए पिण्डवाड़ा में अलग उपखण्ड कार्यालय बना दिया। वहीं वहां की पुलिस व्यवस्था को सिरोही वृत्त के अधीन कर दिया। इसी दौरान माउण्ट आबू उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के भी आबूरोड उपखण्ड मुख्यालय पर स्थापित करने की व्यवस्था किए जाने की मांग उठी थी। भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियों समेत वहां के लोगों ने भी इसके लिए मेमोरेंडम दिए थे।
-प्रोटोकॉल के चक्कर में समस्या में आदिवासी
दरअसल, आबूरोड उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के माउण्ट आबू में होने के पीछे की असली वजह भी वीआईपीगिरी है। माउण्ट आबू में राजनेताओं और अला अधिकारियों की आवाजाही लगी रहती है। इनके प्रोटोकॉल के लिए इसी व्यवस्था के पैरोकारों ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय को वहां रखा हुआ है।

लेकिन, इसी उपखण्ड में इस काम के लिए एक प्रोटोकॉल अधिकारी का पद भी स्वीकृत है। उपखण्ड अधिकारी और वृत्ताधिकारी कार्यालय को आबूरोड उपखण्ड पर स्थापित करके प्रोटोकॉल अधिकारी को माउण्ट आबू में रखा जा सकता है। लेकिन, इस पर अमल अब तक नहीं हो पाया।