जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति प्रदान कर दी है। न्यायाधीश नंदिता दुबे की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि भ्रूण का डीएनए टेस्ट आवश्यक रूप से करवाया जाए।
नाबालिग दुष्कर्म पीडिता के गर्भपात की अनुमति के लिए उसकी मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान पेश की गयी मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद पाया कि बच्ची का गर्भ 6 सप्ताह 6 दिन का है।
मानसिक व शारीरिक रूप से बच्चे को जन्म देने में सक्षम नहीं है। बच्चे के जन्म देने में बच्ची को जान का खतरा है। एकलपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद बच्ची को सशर्त गर्भपात की अनुमत्ति प्रदान की है।
एकलपीठ ने आदेश में कहा है कि बच्ची का गर्भपात मेडिकल या शासकीय अस्पताल में स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों की टीम द्वारा किया जाए। बच्ची को सुरक्षित मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए और भ्रूण का डीएनए टेस्ट करवाया जाए। गर्भपात की सहमत्ति के संबंध में पीडिता की माॅ द्वारा हलफनामे में सहमति दी जाए।