
अजमेर। जन्मदात्री मां की सेवा और सम्मान हम किस तरह कर सकते है, यह पत्रकार कॉलोनी निवासी जादम परिवार से सीखा जा सकता है। जादम परिवार ने शुक्रवार को अपनी 95 वर्षीय माताजी हारूदेवी जादम का जन्मदिन धूमधाम से मनाया। इससे धुलंडी पर्व यादगार बन गया। कॉलोनी के गार्डन में दिनभर आयोजन चलते रहे।
जादम परिवार ने भजन संध्या के साथ माता की फोटोज का एलईडी पर प्रदर्शन किया। कई भावनात्मक क्षणों को शार्ट फ़िल्म में समेट कर दिखाया गया, जिसे देखकर सभी लोग भावुक हो गए। माताजी के हाथों केक कटवाया गया। वह ज्यादा देर नहीं बैठ सकती थीं, तो आयोजन स्थल पर ही उनका पलंग भी रखा गया।
कार्यक्रम में जादम परिवार के रिश्तेदार, मित्रगण, कॉलोनी वासी, समाज बन्धु समेत अन्य कई लोगों ने सपरिवार शिरकत कर माताजी का आशीर्वाद लिया। लीक से हटकर हुए इस आयोजन से यह भी सीखने को मिलता है कि अपने व्यस्त शिड्यूल में से अपने माता पिता के लिए भी समय जरूर निकालें।
भले ही आज रंगों का त्यौहार होली था, मगर माता पिता के बगैर सभी रंग फीके ही है। क्योंकि आपके व्यक्तित्व का निर्माण माता पिता ही करते है, वे ही है जो परवरिश में कई कष्ट मौन होकर सहते है। इसलिए जब तक इनका साथ ही, इन्हें सहेजिये, संभालिए, सेवा कीजिये औऱ नहीं तो बस दिन में उन्हें आधा घण्टा बतिया ही लीजिए…!! आशीर्वाद लेते रहिए..यही संस्कार का रंग है। इसी से हमारी आने वाली पीढ़ी में संस्कारों का रंग चढ़ेगा।
यह कहना गलत ना होगा कि इस दुनिया में वो व्यक्ति सबसे ज्यादा गरीब और बदनसीब है, जिनके माता-पिता को वे समय नहीं देते और उनके चले जाने के बाद उनके जीवन में बस अफसोस रह जाता है कि काश… उनसे कभी फुर्सत में मिल लिए होते, कुछ सीख लिए होते…!! आज 95 वर्षीय हारूदेवी माताजी का सभी को आशीर्वाद मिला। वाकई, होली का खास दिन सबके लिए भावनात्मक औऱ सुखद अवसर बन गया।