अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पुजारी गोविंद शर्मा आत्महत्या प्रकरण में शुक्रवार को दिनभर आंदोलन की गहमागहमी, रास्ता जाम, समझौता वार्ताएं आदि के बाद शाम को हुए समझौते के बाद मृतक पुजारी का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार करने का रास्ता साफ हो गया।
पुष्ट जानकारी के मुताबिक मंदिर के ट्रस्टी अग्रवाल पंचायत धड़ा ने मृतक पुजारी के पोते मनोज शर्मा को पूर्ववत पूजा पाठ करने देने पर सहमति दे दी है ताकि उनका परिवार भटके नहीं। साथ ही ट्रस्ट की ओर से पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी देने की बात कही गई है ताकि मृतक पुजारी के परिवार को आर्थिक संबल मिल सकें। इन दो उक्त बातों के अलावा आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग, सरकारी मुआवजा पचास लाख तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग यथावत है और ब्राह्मण महासभा संघर्ष समिति इन मांगो के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
इससे पूर्व आज सुबह मृतक पुजारी के समर्थन में राजस्थान ब्राह्मण महासभा एवं सर्वसमाज ने अस्पताल के निकट ही केसरगबाग पुलिस चौकी पर धरना प्रदर्शन किया जिसमें राजस्थान विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, मसूदा विधायक राकेश पारीक, अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल भी समर्थन देने पहुंची और सभी ने मृतक पुजारी के परिवार को न्याय एवं आर्थिक सहायता दिए जाने की बात की।
दिनभर चले विरोध आंदोलन के बीच शाम को कोतवाली थाने में समझौते के तहत अंतिम संस्कार करने पर सहमति बन गई और दोंनो पक्षों के समझौते पर हस्ताक्षर हो गए। अजमेर विधायक अनिता भदेल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि उनके अधीन कार्य कर रही पुलिस समय रहते कार्यवाही करती तो पुजारी को आत्मदाह जैसा बड़ा कदम नहीं उठाना पड़ता।
समझौते के बाद यह बात तेजी से चर्चाओं में है कि मृतक पुजारी ने मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों पर जो आरोप लगाए उन्हीं ट्रस्टियों ने समझौता कर पूरे मामले में ठंडे छीटे डालने का प्रयास किया। बावजूद इसके संघर्ष समिति के पंडित सुदामा शर्मा का कहना है कि प्रकरण के आरोपियों की गिरफ्तारी तक संघर्ष जारी रहेगा।